धार भोजशाला विवाद : प्रशासन अपने रुख पर कायम
मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय स्थित भोजशाला में शुक्रवार को बसंत पंचमी के मौके पर प्रशासन शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्धता जताते हुए पूजा और नमाज को लेकर अपने रूख पर कायम है.
(फाइल फोटो) |
हालांकि सूत्रों का कहना है कि गुरुवार दोपहर तक भी संबंधित पक्षों से बातचीत का क्रम जारी था. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 12 फरवरी को सूर्योदय से बारह बजे तक का समय पूजन के लिए निर्धारित किया गया है. इसके बाद एक बजे से तीन बजे तक नमाज पढ़ने की व्यवस्था रहेगी. साढे तीन बजे से फिर से पूजन शुरू की जा सकेगी और आगंतुक सूर्यास्त तक पूजन कर सकते हैं.
भोजशाला परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं के मद्देनजर सुरक्षा संबंधी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं.
इस बीच बसंत पंचमी के मौके पर देवी सरस्वती की अखंड पूजा को लेकर विभिन्न संगठन भी अपने रूख पर कायम हैं. धर्म जागरण विभाग के संयोजक गोपाल शर्मा ने फोन पर कहा कि संगठनों और प्रशासन के बीच बातचीत के रास्ते आखिरी समय तक खुले हैं, लेकिन अगर आखिरी समय तक भी हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो धार की शांति के लिए संगठन ने पूजा की भोजशाला के बाहर भी तैयारी की हुई है. पूजा और यज्ञ अखंड बनाए रखने के लिए बाहर हवनकुंड बनाए गए हैं, जहां सुबह से शाम तक पूजा की जाएगी.
भोज उत्सव समिति के विजय सिंह राठौर ने भी जोर देते हुए कहा कि अगर प्रशासन की ओर से पूरे दिन पूजा की अनुमति नहीं मिली तो भोजशाला परिसर के बाहर पूरे दिन पूजा की जाएगी.
भोजशाला परिसर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग के अधीन है और एक दशक से अधिक समय पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय यह मुद्दा काफी गर्माया था. इसके बाद से केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप मंगलवार को पूजन और शुक्रवार को नमाज पढ़ने की व्यवस्था की गयी है. हर साल बसंत पंचमी पर यहां हिंदू संगठनों द्वारा सरस्वती देवी की पूजा की जाती है. ऐसे में बसंत पंचमी और शुक्रवार एक ही दिन होने की स्थिति में प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं.
हिंदूवादी संगठन बसंत पंचमी के कारण भोजशाला परिसर में निर्विघ्न रूप से सरस्वती पूजन करना चाहते हैं तो कतिपय संगठन शुक्रवार को जुमे की नमाज भी पढ़ना चाहते हैं. इस स्थिति के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी संबंधित प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं और प्रशासन को उम्मीद है कि सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से निपट जाएगा.
भोजशाला के आसपास के क्षेत्र में ऐहतियातन दो माह से निषेधाज्ञा लागू है. प्रशासन शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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