आबकारी नीति से शराब की 100 बोतलें रखने का प्रावधान हटेगा: शिवराज

Last Updated 06 Feb 2016 12:40:26 PM IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 10 लाख से अधिक आय वाले कर दाताओं को 100 बोतल शराब रखने की अनुमति के प्रस्ताव को नामंजूर कर प्रावधान को प्रस्तावित आबकारी नीति से हटाने के निर्देश दिये.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

चौहान ने यह निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में वाणिज्यकर विभाग की समीक्षा के दौरान दिया. उन्होंने वाणिज्यक कर संग्रहण में देश का अग्रणी राज्य होने के लिये विभाग की सराहना की और इसके लिए अधिकारियों को बधाई दी.

बताया गया कि प्रदेश का वाणिज्य कर विभाग मूल्यांकन कार्य में भी देश का अग्रणी राज्य है. प्रदेश में वर्ष 2013-14 तक का मूल्यांकन कार्य पूर्ण हो चुका है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी मध्य प्रदेश का वाणिज्यक कर विभाग देश का अव्वल राज्य है. वर्ल्ड बैंक के प्रतिवेदन के अनुसार कर प्रक्रिया में पंजीयन और कर अनुपालन श्रेणी में विभाग का प्रतिशत 82.5 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 48.12 प्रतिशत ही है.

बैठक में बताया गया कि राज्य में लीज और किरायेनामे पर देय स्टाम्प शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी गई है. माइनिंग लीज की स्टाम्प शुल्क संगणना को सरल और पारदर्शी बनाया गया है.

ऋण संबंधी हाइपोथिकेशन, इक्वीटेबल मॉर्टगेज आदि दस्तावेजों पर देय स्टाम्प शुल्क की दरों मे समरूपता लाई गई है. विक्रय-पत्र के विभिन्न स्लेब समाप्त कर एक दर निर्धारित की गई है. रजिस्ट्रीकरण फीस सारणी में 23 के स्थान पर 9 अनुच्छेद किये गये हैं. उपकर अधिनियम में संशोधन दरें कम कर करारोपण की जटिलता दूर की गई है.

प्रदेश में अब तक 2 लाख 87 हजार दस्तावेज का ई-पंजीयन हो चुका है. सेवा प्रदाताओं के आवेदन ऑनलाइन लेने की व्यवस्था की गई है. अभी तक 5 हजार 500 सेवा प्रदाता को लाइसेंस जारी हो चुके हैं. ई-स्टाम्प शुल्क के रूप में ऑनलाइन 1395 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है.



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