बसंत पंचमी पर भोजशाला मुद्दे को लेकर प्रशासन और हिन्दू संगठन आमने-सामने
मध्य प्रदेश के धार में आगामी बसंत पंचमी को भोजशाला मुद्दे को लेकर प्रशासन और हिन्दू संगठन एक बार फिर आमने सामने आ गये हैं.
(फाइल फोटो) |
12 फरवरी को बसंत पंचमी और शुक्रवार एक ही दिन आना प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन गया है. एएसआई के स्पष्ट निर्देश हैं कि 12 फरवरी को नमाज और पूजा दोनों कराई जाये. लेकिन हिन्दू संगठन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूजा करने पर अड़ गया है. वहीं मुस्लिम वर्ग नमाज अदा करने की बात कर रहा है. अब जिला प्रशासन पूरी तरह से एएसआई के निर्देशों का पालन कराने में जुट गया है. इसके चलते प्रशासन पूरे भोजशाला क्षेत्र में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था में जुट गया है. पूरे क्षेत्र को अभेद्य किले में परिवर्तित किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि भोजशाला को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने संरक्षित कर रखा है. एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे अपनी इबादतगाह बताता है.
एएसआई की ओर से की गयी व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार और बसंत पंचमी पर भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर जुम्मे (शुक्रवार) को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत है. संयोग से 2006 और 2013 की तरह इस साल भी बसंत पंचमी शुक्रवार (12 फरवरी) को पड़ रही है. इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि इस दिन भोजशाला मसले को लेकर कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो.
बसंत पंचमी के दिन हिन्दू संगठन सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्विघ्न मां वाग्देवी का जन्म उत्सव भोजशाला में पूजा करके मानना चाहता है लेकिन शुक्रवार होने से मुस्लिम समाज भी भोजशाला कमाल मोला मस्जिद में नमाज अदा करना चाहता है.
जब-जब शुक्रवार को बसंत पंचमी आती है, तनाव होता है. यह स्थिति शासन प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है.
12 फरवरी के लिए एएसआई के स्पष्ट आदेश आ गए हैं जिसके मुताबिक हिन्दू समाज सूर्योदय से 12 बजे तक फिर दोपहर साढ़े तीन से सूर्यास्त तक पूजा कर सकता है जबकि दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज अदा कराई जाए. इसके बाद हिन्दू संगठन और शासन प्रशासन आमने सामने आ गए हैं. हिन्दू संगठन सूर्योदय से सूर्यास्त तक पूजा करने पर अड़ गये हैं.
उन्होंने स्पष्ट कर दिया की भोजशाला में या तो पूजा होगी या नमाज अगर प्रशासन नमाज कराता है तो हिन्दू समाज भोजशाला में प्रवेश नहीं करके भोजशाला के बाहर सत्याग्रह करेगा. जबकि मुस्लिम समाज एएसआई के निर्देशों का पालन कराने की बात कह रहा है.
इस तनातनी के बीच जिला प्रशासन ने एएसआई के निर्देशों का पालन कराने के लिए कमर कस ली है. इसके लिए भोजशाला क्षेत्र में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है. भोजशाला के बाहर बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं. भोजशाला में बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं. बसंत पंचमी के लिए करीब 7 हजार की बड़ी संख्या में पुलिस बल और आसपास के जिलों के बड़े अधिकारियों को बुलाया जा रहा है. जिले भर में सतर्कता बढ़ा दी गई है.
सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन के बड़े अधिकारी कमिश्नर संजय दुबे और और एडीजीपी आई जी विपिन माहेश्वरी कई दौरे कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन द्वारा लगातार अलग-अलग समाज के वरिष्ठ लोगों की बैठकें ली जा रही हैं ताकि आपसी सहमती से कोई बीच का रास्ता निकल सके. इसके लिए आज (गुरुवार) को सद्भावना यात्रा भी निकाली जा रही है जिससे सौहार्द्र का वातावरण बना रहे.
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