शौचालय के लिए नवविवाहिता ने छोड़ा ससुराल
डोली से उतरकर ससुराल पहुंची दुल्हन की शौचालय बनाने की इकलौती मांग को सुसराल पक्ष द्वारा गंभीरता से नहीं लेने से परेशान नवविवाहिता ने अंतत: ससुराल छोड़ दिया और मायके चली गई.
शौचालय के लिए नवविवाहिता ने ससुराल छोड़ा (फाइल फोटो) |
पति द्वारा परिवार परामर्श केन्द्र में पत्नी को वापस लाने की गुहार लगाने पर केन्द्र द्वारा ससुराल पक्ष को एक माह में शौचालय निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है.
बैतूल जिले के शाहपुर ब्लाक मुख्यालय पर स्थित पतौवापुरा के चौकीपुरा निवासी मोहन पटेल (23) का विवाह पिपरिया निवासी सीमा (20) के साथ वर्ष 2012 में हुआ था. विवाह के बाद लगभग 29 महीने तक सीमा द्वारा लगातार ससुराल में शौचालय बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन ससुराल पक्ष द्वारा इसे न तो गंभीरता से लिया गया और न ही पूरा किया गया.
इससे नाराज सीमा अंतत: अपने मायके चली गई और पिछले 19 महीने से मायके में ही रह रही है. पति द्वारा काफी मिन्नते करने के बावजूद भी जब पत्नी घर नहीं आई तो उसने परिवार परामर्श केंद्र में मामला दर्ज कराया और पत्नी को वापस अपने घर बुलाने की गुहार लगाई.
शाहपुर परिवार परामर्श केंद्र की सदस्य रजनी गायकवाड़ ने मामले का अवलोकन करने और सीमा से चर्चा करने के बाद उसकी मांग को जायज ठहराते हुए मोहन को एक माह के भीतर घर में शौचालय निर्माण करने के निर्देश दिए हैं.
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार जैन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान में पुलिस भी अपना सहयोग दे रही है. पुलिस के परिवार परामर्श केन्द्र द्वारा शौचालय बनवाने के निर्देश देने से जहां स्वच्छता अभियान फलीभूत होगा वहीं एक परिवार टूटने से भी बच जाएगा. जैन ने कहा कि परिवार परामर्श केंद्र स्वच्छता के साथ परिवार जोड़ने का भी काम कर रहा है.
गौरतलब है कि बैतूल जिले की आदिवासी महिला अनिता नर्रे ने वर्ष 2011 में शौचालय के अभाव में शादी के तुरंत बाद ही सुसराल छोड़ दिया था. गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल के चेयरमेन बिन्देशवरी पाठक द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता लाने वाला यह साहसिक निर्णय लेने के लिये उसे पांच लाख रुपये का ईनाम दिया गया था. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा भी नर्रे को इस साहसिक निर्णय लेने के लिये सम्मानित किया गया था.
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