कलाम के ज्ञान और समझ से देश को हुआ बहुत लाभ: शिवराज
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को ‘ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति’ बताते हुए कहा कि देश को उनकी समझ और वैज्ञानिक उत्कृष्टता से बहुत लाभ हुआ.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) |
चौहान ने कहा, ‘‘कुछ व्यक्तित्व इतने विराट होते हैं कि उनके शब्द कम पड़ जाते हैं.’’
‘मिसाइल मैन’ को श्रद्धांजलि देते हुए चौहान ने कहा, ‘‘आधुनिक भारत के इतिहास में 27 जुलाई 2015 एक ऐसे दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिस दिन भारत रत्न डॉ. कलाम ने अपने ज्ञान, विज्ञान और प्रज्ञान से देश को आलोकित करने के बाद इस दुनिया को विदा कहा. वह भारतीय रिषि परम्परा के महापुरुष थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. कलाम उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मौलिक विचारक, गंभीर आध्यात्मिक साधक, कवि, संगीत रसिक, कुशल वक्ता, प्रशासक और सबसे बड़ी बात, संवेदनाओं से परिपूर्ण एक महामानव थे.’’
चौहान ने कहा कि कलाम हमेशा अपने शिक्षकों को सम्मान देते थे. उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. कलाम किसी भी सार्वजनिक मंच पर अपने प्राथमिक स्कूल के शिक्षक शिव सुब्रमण्यम और वैज्ञानिक गुरु प्रो. सतीश धवन के प्रति सम्मान व्यक्त करना कभी नहीं भूलते थे.’’
कलाम की सर्वधर्म के प्रति आस्था का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘वह कुरान और गीता दोनों ही समान भाव से पढ़ते थे.’’
चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वदेशी तकनीक से बनी अग्नि और पृथ्वी मिसाइल कलाम की ही देन है. अंतरिक्ष कार्यक्रम से वह निकट से जुड़े थे और पोखरन परमाणु परीक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
कलाम की मध्य प्रदेश की यात्राओं का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश की धरती पर डॉ. कलाम के कदम कई बार पड़े और उनका स्वागत करने का मुझे अवसर मिला. अपनी हर यात्रा में उन्होंने विकास के लिए मार्गदर्शन देने के साथ ही नया जोश भी जगाया. प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए उन्होंने हमें जो 11 बिन्दु सुझाये उनसे हमें मध्य प्रदेश को देश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला प्रदेश बनाने में बहुत मदद मिली.’’
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कलाम के तालमेल के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी केमिस्ट्री गजब की थी. वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में डॉ. कलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मेरा मानना है कि डॉ. कलाम सभी पदों, पदवियों, सम्मानों और विभूषणों से ऊपर थे. मेरी कोशिश होगी कि हम निकट भविष्य में उनकी स्मृति को भावी पीढ़ी के लिये प्रेरणादायी बनाने का कोई उपक्रम करें.’’
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