विश्व हाथ धुलाई पर मध्यप्रदेश को मिला गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड सर्टिफिकेट

Last Updated 25 Jul 2015 12:19:54 PM IST

विश्व हाथ धुलाई दिवस 15 अक्टूबर 2014 को बने विश्व कीर्तिमान का सर्टिफिकेट गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा मध्यप्रदेश को दे दिया गया है.


फाईल फोटो

अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा तथा स्वच्छ भारत मिशन, मध्यप्रदेश के दल ने आज यह प्रमाण-पा प्राप्त किया.
         
गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के अनुसार विश्व हाथ धुलाई दिवस पर मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 51 जिले में 13 हजार 196 अलग-अलग स्थान पर हाथ धुलाई कार्यक्रम में एक ही समय में एक साथ 12 लाख 76 हजार 425 विद्यार्थी ने भागीदारी कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया.


इससे पहले हाथ धुलाई का विश्व रिकार्ड अर्जेंटीना, पेरू और मेक्सिकों के नाम पर दर्ज था. इन तीन देश में गत 14 अक्टूबर 2011 को अलग-अलग स्थान पर एक साथ 7 लाख 40 हजार 870 लोगों ने हाथ धोकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था.
       
मध्यप्रदेश ने इस कीर्तिमान को पीछे छोड़ते हुए 15 अक्टूबर 2014 को एकसाथ हाथ धुलाई का नया विश्व कीर्तिमान रचा. विधिवत सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नये विश्व कीर्तिमान को गिनीज बुक ऑफ र्वल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है.

मध्यप्रदेश को नया विश्व कीर्तिमान रचने की गौरवपूर्ण उपलब्धि का प्रमाण पत्र गिनीज वर्ल्ड रिकार्डस् द्वारा भेजा गया है.
        
स्वच्छता के बारे में जागरूकता लाने के मकसद से साबुन से हाथ धुलाई का कार्यक्रम हुआ थाय गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के सत्यापन के लिये विशेष रूप से चयनित प्रदेश के 19 हजार 735 स्कूल में वीडियो केमरों तथा मोबाइल फोन द्वारा वीडियोग्राफी की गयी थी.

इस आयोजन में भागीदार सभी बच्चों के नाम सहित प्रमाणित विवरण और स्कूलवार अनकट वीडियोग्राफी गिनीज बुक की ओर विधिवत प्रक्रिया द्वारा भेजी गई थी. गिनीज बुक द्वारा प्रमाणित विवरण के

आधार पर विश्व हाथ धुलाई के नये वि कीर्तिमान को मान्यता प्रदान कर प्रमाण-पत्र भेजा गया है.
       
उल्लेखनीय है कि भावी पीढ़ी को स्वच्छता शिक्षा देने और नागरिकों को स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिये प्रेरित करने के उद्वेश्य से मध्यप्रदेश में यह अनूठा आयोजन हुआ था. इस राज्य व्यापी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये प्रदेश में व्यापक तैयारियाँ की गई थी. स्कूल शिक्षा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही सभी नगरीय एवं ग्रामीण निकायों ने इसमें व्यापक भागीदारी निभाई.

राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) में कार्यरत संस्था एम पी टास्ट की वॉश परियोजना तथा वाटर एड सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इसमें सक्रिय भागीदारी की थी.



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