पन्ना में लू लगने से भगवान जगन्नाथ हुए बीमार

Last Updated 03 Jun 2015 02:53:08 PM IST

प्राचीन और भव्य मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना नगर में अनूठी धार्मिक परम्परायें प्रचलित हैं, इनमें रथयात्रा महोत्सव प्रमुख है.


(फाइल फोटो)

ठीक जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां निकलने वाली रथयात्रा महोत्सव की परम्परा डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक पुरानी है. चिलचिलाती धूप में पवित्र तीर्थों के सुगंधित जल से स्नान करने के कारण जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ स्वामी लू लगने से बीमार पड़ गये हैं.

भगवान के ज्वर पीड़ित होने का यह धार्मिक आयोजन स्नान यात्रा के रूप में पन्ना के श्री जगन्नाथ स्वामी मन्दिर में हजारों श्रद्धालुओं के बीच सम्पन्न हुआ.

उल्लेखनीय है कि मन्दिरों के शहर पन्ना में इस प्राचीन परम्परा का निर्वहन आज भी यहां बड़ी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ किया जाता है. सदियों पुरानी इस अनूठी परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को भगवान बलभद्र, बहिन सुभद्रा और भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी को हजार छिद्र वाले घड़े से स्नान कराया जाता है.

धूप और तपिश में स्नान करने से भगवान को लू लग जाती है, जिससे वे बीमार पड़ जाते हैं.

भगवान के ज्वर पीड़ित होने का यह धार्मिक आयोजन पन्ना के बड़ा दीवाला मन्दिर में पूरे भक्तिभाव के साथ होता है. मन्दिर के पुजारी पं. राकेश गोस्वामी ने बताया कि भगवान की विधिवत पूजा अर्चना के उपरान्त उन्हें गर्भ गृह से बाहर लाया जाता है.

मन्दिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं के बीच भगवान को स्नान कराते हैं और घटों को लुटाया जाता है. धूप में स्नान करने से लू लग जाने के कारण जब भगवान बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें पुन: गर्भ गृह में लाकर सिंहासन पर आसीन किया जाता है और गर्म कपड़े पहनाये जाते हैं ताकि पसीना आने पर ज्वर उतर सके.

पुजारी गोस्वामी ने बताया कि उन्नीस वर्षों के बाद यह अवसर पड़ रहा है कि भगवान जगदीश स्वामी इस बार पन्द्रह दिनों के लिए नहीं बल्कि पुरूषोत्तम मास पड़ने के कारण डेढ माह तक बीमार रहेंगे.

कलेक्टर पन्ना शिवनारायण सिंह चौहान ने बताया कि परम्परानुसार इस वर्ष 18 जुलाई को धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा निकाली जायेगी. रथयात्रा महोत्सव के प्रबंधों में परम्परा का विशेष ध्यान रखा जायेगा.



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