डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर निकाला युवक के सिर में धंसा तीर
मध्य प्रदेश के इंदौर में डॉक्टरों ने शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में जटिल सर्जरी के दौरान 25 वर्षीय आदिवासी युवक के सिर में धंसा तीर निकालकर उसे नया जीवन दिया.
(फाइल फोटो) |
एमवायएच में इस कामयाब सर्जरी को अंजाम देने वाली तीन सदस्यीय टीम के अगुवा डॉ. पीएस लुबाना ने बताया कि प्रकाश (25) के सिर में धंसे तीर को मंगलवार शाम एक घंटे के भीतर निकाल दिया गया. मरीज की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है.
उन्होंने बताया कि आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के उमराखला गांव के रहने वाले प्रकाश का 18 मई को एक सगाई समारोह के दौरान कुछ लोगों से विवाद हो गया था. विवाद के दौरान उस पर स्प्रिंग वाले धनुष से तीर चलाया गया, जो उसके सिर में जा धंसा. उसे अलीराजपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे इंदौर के एमवायएच भेज दिया गया.
लुबाना ने बताया, "तीर युवक की खोपड़ी की हड्डी को भेदता हुआ उसके सिर में करीब 4.5 सेंटीमीटर की गहराई तक धंस गया था. यह तीर उसके मस्तिष्क में पहुंच गया था. लेकिन वह किस्मतवाला था कि तीर से उसके मस्तिष्क में कोई घातक चोट नहीं आयी."
बहरहाल, पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासियों के शरीर में धंसे तीरों को एमवायएच में सर्जरी के जरिये बाहर निकालने का काम इस सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के लिये कतई नया नहीं है.
लुबाना ने बताया, "इस आधुनिक युग में भी खासकर झाबुआ और अलीराजपुर जिले में तीर-कमान का इस्तेमाल जारी है. दोनों जिलों में आदिवासी विवाद और रंजिश की स्थिति में एक-दूसरे पर तीर-कमान से हमला कर देते हैं. इन वारदातों में घायल होने वाले ज्यादातर आदिवासी अपने शरीर में धंसे तीर लिये एमवायएच पहुंचते हैं, जहां सर्जरी के जरिये तीरों को उनके जिस्म से बाहर निकाला जाता है."
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