‘हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं’ के फरमान पर हाई कोर्ट की रोक
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पेट्रोल पम्प पर ईंधन भराते वक्त दोपहिया वाहन चालकों के लिये हेलमेट पहनना अनिवार्य करने के जिला प्रशासन के आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी.
‘हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं’ के आदेश पर रोक (फाइल फोटो) |
अदालत ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह स्थगन आदेश दिया.
याचिकाकर्ता और पेशे से वकील सौरभ मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा ने उनकी जनहित याचिका पर अंतरिम निर्णय पारित करते हुए जिलाधिकारी के हेलमेट संबंधी फरमान पर स्थगन आदेश जारी किया.
मिश्रा ने बताया कि इंदौर के जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया था कि एक अप्रैल से दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल पम्प पर तभी ईंधन दिया जायेगा, जब वे हेलमेट पहनकर पेट्रोल पम्प पहुंचेंगे. उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस आदेश को चुनौती दी थी.
उन्होंने कहा, ‘मोटर व्हिकल एक्ट में इस बात का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है कि चालकों को पेट्रोल भराने के लिये पम्प पर अपनी गाड़ी खड़ी करते वक्त हेलमेट पहनना ही होगा. लिहाजा इस दौरान उन पर अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनने का फरमान थोंपना प्रशासन की मनमानी दर्शाता है.’
मिश्रा ने कोर्ट के सामने यह दलील भी दी कि अगर पेट्रोल पम्प मालिक वाहन चालकों के सामने अनिवार्य शर्त रखते हैं कि वे ईंधन भराते वक्त हेलमेट पहनें, तो यह आवश्यक वस्तु अधिनियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है.
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