कांग्रेस ने भूख हड़ताल समाप्त की, आंदोलन का दूसरा चरण गांवों से होगा शुरू

Last Updated 27 Mar 2015 03:31:33 PM IST

मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों ने अपना धरना और भूख हड़ताल आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है.


मध्य प्रदेश विधानसभा (फाइल फोटो)

विधानसभा में आंधी, तूफान, बारिश और ओला प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान किये जाने की मांग को लेकर कांग्रेस विधायकों द्वारा किया जा रहा धरना और भूख हड़ताल आंदोलन समाप्त कर अब यह आंदोलन दूसरे चरण में गांव-गांव ले जाने का निर्णय लिया गया है.

नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने शुक्रवार को विधान सभा के मुख्य द्वार पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शाम से धरना और भूख हड़ताल समाप्त कर आंदोलन गांव-गांव ले जाने का फैसला किया गया है.

उन्होंने बताया कि भूख हड़ताल के दौरान दो कांग्रेस विधायकों उमंग सिंघार और मधु भगत की हालत बिगड़ गई, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है.

कटारे ने कहा कि चूंकि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है इसलिए आंदोलन का पहला चरण समाप्त कर इसे गांव-गांव ले जाने का फैसला किया गया है.

कटारे ने कहा कि चूंकि विधानसभा क्षेत्रों से लोगों के बिजली बिल, रिण, एवं ब्याज वसूली को लेकर कुर्की किये जाने के लगातार फोन आ रहे हैं इसलिए अब सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में जाकर आंदोलन करेंगे.

एक प्रश्न के उत्तर में कटारे ने स्वीकार किया कि गुरुवार रात विधानसभा सचिवालय से उन्हें सभा परिसर खाली करने का नोटिस मिल गया है और उसका जवाब भी दे दिया गया था कि हम विधानसभा खाली नहीं कर रहे हैं लेकिन नई परिस्थितियों में जवाब के बाद आंदोलन का पहला चरण समाप्त करने का फैसला किया गया.

उन्होंने कहा कि विधानसभा के नोटिस का आंदोलन समाप्त करने से कोई लेना देना नहीं है.

सरकार द्वारा आंदोलन कर रहे विधायकों से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कटारे ने कहा कि हमें बताया जाए कि सरकार है कहां, वल्लभ भवन में, विधानसभा में, मुख्यमंत्री निवास पर या किसी सचिव के घर में सरकार द्वारा किसानों को राहत दिये जाने संबंधी आंकड़ों को फर्जी करार देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार का कोई मंत्री आकर बताये कि उन्होंने हमारी कौन सी मांग मान ली है.

कांग्रेस विधायकों ने 24 मार्च को सदन में प्रदेश में आंधी, तूफान, बारिश और ओला से प्रभावित किसानों की स्थिति पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन में धरना दिया था जो गुरुवार से भूख हड़ताल में तब्दील हो गया था.

कांग्रेस विधायकों की मांगों में प्रभावित किसानों को तत्काल राहत दिये जाने, पिछले साल ओला पाला प्रभावित किसानों, जिन्हें अभी तक राहत नहीं मिली है, को मुआवजा दिये जाने, किसानों के बिजली बिल ब्याज और रिण वसूली स्थगित किये जाने की मांग शामिल है.



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