जबलपुर: चर्च पर हमले के आरोप में छह गिरफ्तार

Last Updated 23 Mar 2015 01:30:08 PM IST

मध्य प्रदेश में जबलपुर पुलिस ने एक चर्च और एक अन्य धार्मिक परिसर में तोड़फोड़ करने के मामले में कथित रूप से शामिल छह व्यक्तियों को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया.


(फाइल फोटो)

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ईशा पंत ने बताया कि पुलिस ने एक कैथोलिक स्कूल और धार्मिक परिसर में तोड़फोड़ करने के आरोप में छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है.

उन्होंने बताया कि पकड़े गये व्यक्तियों की पहचान धर्म सेना के नेता योगेश अग्रवाल और उनके सहयोगी नितिन रजक, प्रतीक प्यासी, अनुराग चौकसे, अभिषेक चौकसे और शरद राव के रूप में हुई है.

इन सभी के खिलाफ भादंवि की धारा अन्य धाराओं सहित 147, 148, 149, 294, 323, 427 एवं 506बी के तहत कार्रवाई की गई है.

पुलिस अधीक्षक एस.सी.मिश्र ने बताया कि बाद में इन सभी को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया गया.

यह घटना 20 मार्च और 21 मार्च की सुबह उस समय हुई जब धर्मान्तरण का आरोप लगाते हुए कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने यहां एक चर्च परिसर सहित एक अन्य धार्मिक परिसर में घुसकर मारपीट कर परिसर में तोड़फोड़ की, जिसमें एक आवासीय कैथोलिक स्कूल और मदर मैरी की प्रतिमा वाली खोह है.

आरोपियों ने फादर थंकाचन जोस को उन्हें सौंपने की मांग करते हुए उनके निवास पर रखे मिट्टी के बर्तन और खिड़कियों के कांच तोड़ दिए थे. उनका आरोप था कि फादर जोस हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करा रहे हैं.

हमलावरों का शिकार हुए एक प्रत्यक्षदर्शी रवि फ्रांसिस ने बताया कि धर्मसेना और बजरंग दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में 20 मार्च को यहां सेंट थॉमस स्कूल परिसर में घुस आए, जहां एक समारोह के अयोजन के लिए ईसाई समाज के प्रतिनिधि आए हुए थे.

उन्होंने कहा कि हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि यहां धर्मान्तरण किया जा रहा है. जिस समय फादर थंकाचन जोस पुलिस अधिकारी एवं इन संगठनों के नेता आपस में चर्चा कर रहे थे तभी संघ परिवार से संबंधित कुछ कथित कार्यकर्ता वहां पहुंचे और उन्होंने गाली-गलौच शुरू कर दी.

फ्रांसिस ने कहा कि स्कूल परिसर से पुलिस ने इन उपद्रवियों का पीछा कर खदेड़ दिया जिसके बाद उपद्रवियों की भीड़ निकट स्थित 140 साल पुराने सेंट पीटर और पॉल कैथ्रेडल पहुंच गए, जहां तीन दिवसीय सम्मेलन का आगाज होना था.

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कैथ्रेडल परिसर में ‘जय श्रीराम’ जैसे नारे लगाते हुए हंगामा मचाया और फादर थंकाचन जोस को सौंपने की मांग की. जब उन्हें फादर जोस नहीं मिले तो उन लोगों ने वहीं निकट स्थित फादर के निवास की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया.

फ्रांसिस ने बताया कि उपद्रवियों ने वहां मौजूद कुछ लोगों से मारपीट शुरू कर दी और जब उनकी पकड़ में उसका मित्र सावियो रेड्डी आया तो वह बीच-बचाव के लिए गया और खुद उसके साथ भी मारपीट की गई.

उन्होंने बताया कि रेड्डी के सिर और रीढ़ की हड्डी में चोट आई है. ये उपद्रवी 20 मार्च की रात लगभग 9 बजे कैथ्रेडल परिसर पहुंचे थे और उनके आतंक की वजह से हमने खुद को 21 मार्च की सुबह चार बजे तक वहां कैद रखा. इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया.

उधर फादर थंकाचन जोस ने कहा, ‘‘ये लोग मेरी तलाश में थे और उन्होंने मुझे सेंट थॉमस स्कूल में धकेल दिया था. हालांकि हमारा संविधान हमें धर्म की स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन इसका खुला उल्लंघन हुआ है’’.

उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था. हमने पुलिस को इस घटना की सीसीटीवी फुटेज मुहैया करायी है’’.



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