मेयरों को अपने वाहन में लाल बत्ती लगाने की इजाजत मिले: शिवसेना
एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मांग की है कि बड़े शहरों के मेयरों को अपनी कारों में लाल बत्ती का इस्तेमाल करने देना चाहिए.
लाल बत्ती |
पार्टी ने हालांकि लाल बत्ती का इस्तेमाल करने का विशेषाधिकार सिर्फ नौ संवैधानिक पदों तक सीमित करने की केंद्र की योजना की तारीफ भी की.
मीडिया की खबरों के मुताबिक, परिवहन मंत्रालय ऐसी योजना बना रहा है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश के वाहनों में ही लाल बत्ती का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
राज्य स्तर पर सिर्फ राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, विधानसभा अध्यक्षों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश तक ही लाल बत्ती का इस्तेमाल सीमित किए जाने की योजना है. सितंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय की ओर से लाल बत्तियों के धड़ल्ले से हो रहे गलत इस्तेमाल पर सख्ती बरतने के बाद सरकार यह योजना बना रही है.
शिवसेना ने जहां इस कदम का स्वागत किया है, वहीं यह भी कहा है कि इससे राजनीतिक वर्ग में लाल बत्तियों वाले वाहन के लिए संघर्ष समाप्त हो जाएगा जिसे ‘‘स्टेटस सिंबल’’ के तौर पर देखा जाता रहा है.
पार्टी ने कहा कि मुंबई, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों के मेयरों और ‘‘अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा’’ वाले लोगों को वाहनों में लाल बत्तियों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद महाराष्ट्र की पिछली कांग्रेस-राकांपा सरकार ने चार अप्रैल 2014 को 34 गणमान्य लोगों की एक सूची बनाई थी जिन्हें अपने वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी. इसमें मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी शामिल किए गए लेकिन मेयर के पद को हटा दिया गया.
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