व्यापम घोटाला: राज्यपाल ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को दी चुनौती

Last Updated 06 Mar 2015 06:44:29 PM IST

व्यापम घोटाले में जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसटीएफ) द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद राज्यपाल रामनरेश यादव ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की शरण ली है.


व्यापम घोटाला: राज्यपाल ने ली HC की शरण (फाइल फोटो)

राज्यपाल ने वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्श मुनि त्रिवेदी और महेन्द्र पटेरिया के माध्यम से अदालत में पेश की गई याचिका में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किये जाने को लेकर चुनौती दी गई है.
    
मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर ने इस मामले में विशेष सुनवाई के लिये आगामी नौ मार्च की तिथि निर्धारित की है.
    
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 316-2 के तहत संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है. चूंकि यह एफआईआर जल्दबाजी में दर्ज की गई है इसलिए इस अवैधानिक एफआईआर को रद्द किया जाना चाहिये.
    
याचिका में इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई है कि घोटाले का जो आरोपी एसईएफ की गिरफ्त में है के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है.
    
याचिका में कहा गया है कि जिस एक्सेल शीट के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उसको कांगेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा भी फर्जी करार दिया जा चुका है.
     
याचिका में राज्यपाल की वृद्धावस्था का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि वह पूरी तरह दवाईयों पर निर्भर है और आज तक उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का आरोप नहीं लगा है.            

याचिका पर आगामी नौ मार्च को सुनवाई होगी.



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