पूर्व कुलपति गजभिए पांच मार्च तक सीबीआई रिमांड पर
मध्य प्रदेश के सागर के डॉ हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नामदेव श्रीराम गजभिये को अदालत ने पांच मार्च तक सीबीआई की रिमांड में भेज दिया है.
(फाइल फोटो) |
विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक पद पर अयोज्ञ व्यक्तियों को नियुक्ति दिये जाने के मामले में आरोपी तत्कालीन कुलपति गजभिये को अदालत ने पूछताछ के लिए पांच मार्च तक सीबीआई की रिमांड में भेज दिया है.
सीबीआई ने गजभिए को विशेष न्यायाधीश एम के शर्मा के समक्ष पेश किया था.
सीबीआई ने 21 मई 2014 को विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक भर्ती में घोटाला किये जाने के आरोप में तत्कालीन कुलपति गजभिये सहित प्रो एस के शुक्ला, प्रो जे डी शर्मा, प्रो पी के खरे, प्रो एस एम एम एस कर्ना, वंदना विनायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और 419 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण दर्ज किये थे.
उन पर आरोप था कि आरोपियों ने अपने पद का दुरूपयोग करके डिपार्टमेंट ऑफ फारेंसिक सायंस एंड क्रिमिनोलॉजी में सहायक प्राध्यापक पदों पर अयोज्ञ उम्मीदवार एस एम एम एस कर्ना और वंदना विनायक की नियुक्ति की.
सीबीआई ने आठ बार नोटिस जारी कर तत्कालीन कुलपति और वर्तमान में आईआईटी कानपुर में केमिस्ट्री विभाग में प्राध्यापक पद पर पदस्थ गजभिये को पूछताछ के लिए बुलाया था. वह लगातार बहाने बनाकर सीबीआई के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे थे. सीबीआई टीम ने सोमवार दोपहर उन्हें आईआईटी कानपुर से गिरफ्तार किया था.
उन्हें मंगलवार की सुबह जबलपुर लाया गया और अपरान्ह साढ़े तीन बजे विशेष न्यायालय सीबीआई के समक्ष पेश किया. न्यायालय ने सीबीआई को आरोपी की 26 फरवरी की शाम 4 बजे तक की रिमांड दी थी.
गुरूवार को सीबीआई टीम ने गजभिये को सीबीआई न्यायालय के समक्ष पेश करते हुए रिमांड प्राप्त करने आवेदन प्रस्तुत किया. विशेष न्यायाधीश ने सीबीआई को आरोपी से पूछताछ के लिए 5 मार्च तक की रिमांड दी है.
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