मध्य प्रदेश के बजट में कृषि, उद्योग और शिक्षा पर जोर

Last Updated 25 Feb 2015 02:45:56 PM IST

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को साल 2015-16 का बजट पेश किया, जिसमें कृषि, उद्योग, शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में विकास पर जोर दिया गया है.


(फाइल फोटो)

वित्त मंत्री ने राज्य विधान सभा में वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए बताया कि कुल राजस्व व्यय एक लाख आठ हजार 834 करोड रुपये और कुल राजस्व प्राप्तियां एक लाख 14 हजार 422 करोड़ रुपये होने से राजस्व आधिक्य 5,587 करोड़ रुपये अनुमानित है.

उन्होंने कहा कि साल 2015-16 के लिये राजकोषीय घाटे का अनुमान 16745 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.99 प्रतिशत अनुमानित है, जो मध्य प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 द्वारा निर्धारित सीमा में है.

मलैया ने भाजपा सरकार का 12वां और स्वयं का दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार द्वारा सीमा में रिण लिया गया है. साथ ही रिण के रूप में प्राप्त राशि का विकासीय योजनाओं में उपयोग किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की रिण स्थिति निर्धारित वित्तीय मानकों के अंदर है और रिण तथा ब्याज के पुनर्भुगतान के लिये प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्ण सक्षम है.

कृषि और सिंचाई को महत्व

मलैया ने कहा कि बजट में कृषि और सिंचाई को पर्याप्त महत्व दिया गया है और यही कारण है कि पिछले तीन सालों से प्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी किसानों को भरपूर सराहना मिली है.

वित्त मंत्री ने बताया कि सहाकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2014-15 में अब तक 28 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 12 हजार 140 करोड़ रुपये का रिण उपलब्ध कराया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में 18 हजार करोड़ रुपये के रिण वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में सिंचाई क्षमता बढ़कर चार गुना हो गई है और अब शासकीय श्रोतों से सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 40 लाख हैक्टेयर करने और निर्मित क्षमता का दक्षतापूर्ण उपयोग करने का लक्ष्य रखा गया है.

2,500 किलोमीटर नवीन सड़कों और 50 पुलों के निर्माण का लक्ष्य 

प्रदेश में सड़कों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों को चार लेन, जिला मुख्यालयों को दो लेन और आगामी पांच वर्षों में लगभग 19 हजार किलोमीटर की मुख्य जिला-सड़कों का उन्नयन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में लोक निर्माण विभाग के तहत दो हजार 500 किलोमीटर नवीन सड़कों का निर्माण और 50 पुलों के निर्माण का लक्ष्य है.

उन्होंने कहा कि जनता से किये वायदे के अनुसार प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है और ऊर्जा विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी, मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमीशन कंपनी तथा विद्युत वितरण कंपनियों के माध्यम से क्रियान्वित ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिये वर्ष 2015-16 में 9 हजार 704 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो वर्ष 2014-15 के बजट प्रावधान से एक हजार 718 करोड़ रुपये अधिक है.

सभी स्कूलों में बनेंगे शौचालय

वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत प्रदेश के समस्त विद्यालयों में शौचालय निर्माण का संकल्प लिया गया है. वर्तमान में प्रदेश की शालाओं में 25 हजार 817 शौचालयों के निर्माण और 23 हजार 359 बेकार पड़े शौचालयों की मरम्मत तथा पुनरुद्धार की आवश्यकता है, जिसमें 552 करोड़ रुपये का व्यय भार संभावित है.

कृषि को लाभ का धंधा बनाये जाने का संकल्प व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने शक्ति चलित कृषि यंत्रो लेजर लैंड लेवलर, सीड कम फर्टिलाइजर डिल, रीपर कम बाइंडर और स्ट्रा रीपर और रेक तथा श्रेडर को कर-मुक्त किये जाने की घोषणा की.

500 रुपये तक के जूटे टैक्स फ्री

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 250 रुपये खुदरा मूल्य के जूते कर-मुक्त थे, लेकिन अब 500 रुपये मूल्य तक के जूते कर मुक्त कर दिये गये हैं.

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बाइसिकल्स, ट्राइसिकल्स, साइकल रिक्शा तथा उनके पुज्रे .टायर ट्यूब सहित. एवं एसेसरीज को कर मुक्त कर दिया गया है.

मलैया ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा में उपयोग की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों पर कोई कर देय नहीं था. इसी क्रम में प्रदेश के बच्चों की शिक्षा हेतु उपयोग की जाने वाली अभ्यास पुस्तिकाओं, ग्राफ बुक्स, डाइंग बुक्स एवं लेबोटरी नोट बुक्स को भी कर मुक्त किया गया है.

बैटरी चलित कार, रिक्शा, गैस चूल्हा,  इंडक्शन चूल्हा हुआ सस्ता

वित्त मंत्री ने प्रदेश में 40 वस्तुओं पर वैट कर की दर 13 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किये जाने की घोषणा भी की. इनमें बेबी डायपर, हाइड्रोलिक ट्राली, बैटरी चलित कार एवं बैटरी चलित रिक्शा, ट्रैक्टर की एसेसरीज, गैस गीजर, पंपिंग सेट एसेसरीज, डेंटल फिलिंग मटेरियल, एलबम, स्कूल बैग, बेकिंग पावडर, हाथी दांत की चूडियां, केलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, कार्बन पेपर, गैस चूल्हा, शू पालिश और शू क्रीम, सोया मिल्क पावडर और इंडक्शन चूल्हा आदि शामिल हैं.

पान मसाला हुआ महंगा

मलैया ने बताया कि प्रदेश में तंबाकू रहित समस्त प्रकार के पान मसालों और गुटखा पर वैट-कर की दर 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है.

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश वेट अधिनयम 2002 की अनुसूची 2 में कर योग्य मालों पर वैट की दर 13 से बढाकर 14 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है.

उन्होंने बताया कि रिवॉल्वर और पिस्टल के लाइसेंस दस्तावेज पर दस हजार और इनके अतिरिक्त अन्य हथियारों के लायसेंस दस्तावेजों पर दो हजार रुपये का स्टांप शुल्क लिया जायेगा. साथ ही रिवॉल्वर और पिस्टल लायसेंस के नवीनीकरण पर पांच हजार और इनके अतिरिक्त अन्य हथियारों के लायसेंस नवीनीकरण पर एक हजार रुपये का स्टांप शुल्क लिया जाना प्रस्तावित है.

अपने 53 पृष्ठ के बजट भाषण का अंत मलैया ने यह कहकर किया कि हमने इस बजट के माध्यम से जनता को अधिकाधिक कर राहत देने का प्रयास किया है क्योंकि हम एक मजबूत सरकार के रूप में काम करना चाहते हैं न कि एक मजबूर सरकार की तरह.

उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश की प्रगति के लिये बजट के माध्यम से विकास की सामर्थ्य और आवेग विकसित करने के प्रयास किये हैं.



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