कोर्ट का फैसला, चरित्रहीन पत्नी को नहीं मिलेगा भरण-पोषण
मध्य प्रदेश में एक फैमिली कोर्ट ने एक विवाहित महिला के भरण-पोषण की याचिका को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि चरित्रहीन पत्नी को इस तरह का लाभ नहीं दिया जा सकता.
(फाइल फोटो) |
फैमिली कोर्ट कटनी के प्रधान न्यायाधीश अरविन्द शुक्ला की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आवेदिका ने विवाह के बाद भी एक अन्य युवक से अवैध सम्बंध बनाए रखे. इसलिए ऐसी महिला अपने पति से भरण-पोषण प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है.
पति की ओर से अधिवक्ता डॉ. अनुवाद श्रीवास्तव ने कोर्ट के बताया कि जिस आवेदिका महिला ने फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई है उसके विवाह के पहले से किसी गैर मर्द से अवैध संबंध रहे हैं.
बहस के दौरान बताया गया कि कटनी में रहने वाली युवती का विवाह जबलपुर के युवक के साथ हुआ. शादी के बाद जब पति को पत्नी के अवैध संबंधों की भनक लगी तो उसने विरोध करना शुरू किया.
पति के वकीलों ने बताया कि इसके बाद विवाह विच्छेद प्रक्रिया के समय परिवार परामर्श केंद्र में भी पत्नी अपने विवाह से पहले और बाद में जारी रहे नाजायज ताल्लुकात की बात स्वीकार कर चुकी है. वह युवक महिला के भाई का दोस्त है.
पति की ओर से बताया गया कि अपने अवैध कृत्य को छिपाने के लिए महिला ने उसके और उसके परिवार वालों पर दहेज के लिए मारपीट और मानसिक प्रताड़ना की झूठी कहानी गढ़ी और भरण-पोषण के लिए आवेदन पेश किया.
पति के वकीलों ने दलील देते हुए कहा कि इसके चलते पति मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है. और सबूतों की मौजूदगी के बाद देखा जाए तो जो पत्नी पति के प्रति ईमानदार साबित न हो वह भरण-पोषण राशि की हकदार नहीं रह जाती.
कोर्ट ने दलीलों से सहमत होकर महिला की अर्जी खारिज कर दी.
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