ग्लोबल समिट में पंजीयन कराने वाले तीन हजार से अधिक औद्योगिक समूहों की होगी जांच

Last Updated 16 Dec 2014 01:07:06 PM IST

मध्य प्रदेश में अक्टूबर माह में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेश की इरादा व्यक्त कर पंजीयन कराने वाले तीन हजार से अधिक औद्योगिक समूहों की जांच कराई जा रही है.


यशोधरा राजे सिंधिया (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने इस बात की जानकारी दी.

उद्योग मंत्री ने भोपाल में मंगलवार को अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए संवाददाताओं को बताया कि समिट के दौरान तीन हजार से अधिक समूहों ने विभाग की वेबसाइट पर अपने पंजीयन कराये थे.

यह पूछे जाने पर कि विभाग के प्रमुख सचिव ने इनमें से कुछ के फर्जी होने की आशंका व्यक्त करते हुए इनकी जांच कराये जाने के निर्देश दिये हैं, सिंधिया ने कहा कि समिट के दौरान कुछ लोगों द्वारा दो-दो बार पंजीयन करा लिये जाने की जानकारी सामने आई थी.

उन्होंने कहा कि इन सभी की जांच कराई जा रही है. विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान ने बताया कि अधिकारियों से कहा गया है कि इन सभी की जांच की जाये और पंजीयन के दौरान दिये गये ई-मेल और फोन पर संपर्क किया जाये और अगर दो बार संपर्क किये जाने के बावजूद यदि कोई जवाब नहीं मिलता है तो उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाये.

सिंधिया ने बताया कि समिट के दौरान 5.89 लाख करोड़ रुपये के 3,176 निवेश आशय के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्राप्त प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए इन्वेस्टमेंट रिलेशनशिप मैनेजर और नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये गये हैं.

उद्योग मंत्री ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान प्रदेश में 129.74 करोड़ रुपये की लागत से 13,916 सूक्ष्म उद्योग, 413.04 करोड़ रुपये की लागत ये 336 लघु उद्योग और 80.20 करोड़ रुपये की लागत से नौ मध्यम उद्योग स्थापित किये गये. उन्होंने बताया कि इनमें 36,841 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में जहां 25497.568 हैक्टेयर भूमि चिन्हित कर लैंड बैंक संधारित किया गया वहीं नवीन उद्योगों की स्थापना के लिये 1067.65 हैक्टेयर भूमि विभाग को हस्तांतरित की गई.

उन्होंने बताया कि पिछले एक साल के दौरान खाद्य प्रसंस्करण के लिये चार, टेक्सटाइल्स के तीन और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के लिए तीन औद्योगिक पार्कों में निर्माण कार्य प्रारंभ कर इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है.

पत्रकार वार्ता के दौरान उस समय कुछ अप्रिय क्षण भी आये जब पत्रकारों ने कुछ समय के लिये उनकी पत्रकार वार्ता का बहिष्कार कर दिया. उनसे विधान सभा के दौरान प्रश्नोत्तरी में यशोधरा राजे के नाम के आगे श्रीमंत छप जाने को लेकर सवाल पूछा गया था और इसको लेकर वह तैश में आ गई थीं.

उनके तैश में आने पर अधिकांश पत्रकार उठकर बाहर आ गये लेकिन बाद में जन संपर्क आयुक्त एस.के. मिश्रा के अनुरोध पर वह वापस आ गये.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment