शनिदेव मंदिर प्रबंधन उपलब्ध करायेगा त्रेतायुगीन शनि मंदिर के लिए शुद्ध सरसों का तेल
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के ऐंती पर्वत पर स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर का प्रबंधन श्रद्धालुओं को शनिदेव पर चढाये जाने के लिए सरसों का तेल उपलब्ध करायेगा.
शनि मंदिर के लिए शुद्ध सरसों का तेल |
कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने बताया कि मंदिर प्रबंधन का कहना है कि मिलावटी सरसों तेल से प्रतिमा को नुकसान पहुंच रहा है, जिसके चलते उन्होंने (मंदिर प्रबंधन) यह निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर प्रबंधन खुद ही तेल की 100 ग्राम से लेकर एक लीटर तक शुद्ध सरसों तेल की बोतलें मंदिर परिसर में श्रद्घालुओं को उपलब्ध कराएगा तथा शुद्धता की पूरी निगरानी के लिए बाकायदा प्रशासनिक अधिकारी नजर रखेंगे.’’
गुप्ता ने बताया कि कल से शुरू हो रहे दो दिवसीय शनि मेले में शनिश्चरी अमावस्या के दिन देश के विभिन्न प्रातों और विदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते है और शनिदेव की पूजा में सरसों का तेल चढ़ाने का खास महत्व होने के कारण प्रतिमा पर व्यापक स्तर पर सरसों का तेल अर्पण करते हैं.
मुरैना के ऐंती पर्वत पर स्थित शनिदेव मंदिर विश्व का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है और यहां पर शनिदेव एवं हनुमानजी की प्रतिमा की स्थापना चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने की थी.
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