मध्य प्रदेश में नकली घी के कारोबार से जुड़े पिता-पुत्र पर लगा एनएसए
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्रतिबंधित पदार्थों की मिलावट से बड़े पैमाने पर नकली घी बनाकर खुदरा बाजार में इसकी आपूर्ति के आरोप में कारोबारी पिता-पुत्र पर प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की है.
(फाइल फोटो) |
मामले की जांच से जुड़े खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया, ‘दिनेश कुमार साहू और उसके बेटे चेतन साहू के सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित कारखाने में कथित तौर पर वनस्पति, सोयाबीन तेल और प्रतिबंधित एसेंस को हानिकारक अनुपात में मिलाकर नकली घी बनाया जा रहा था. यह मिलावट इतने करीने से की जा रही थी कि फैक्टरी का बनाया नकली घी पहली नजर में देखने पर असली घी की तरह ही दिखायी देता है.’
उन्होंने बताया कि दिनेश की फैक्टरी में एक किलोग्राम नकली घी बनाने में 70 से 100 रपये की अनुमानित लागत आ रही थी, जबकि इसे खुदरा बाजार में असली घी के नाम पर लगभग 350 रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंची दर पर बेचा जा रहा था और ग्राहकों से धोखाधड़ी की जा रही थी.
जिलाधिकारी आकाश त्रिपाठी ने नकली घी के इस गोरखधंधे के खुलासे के बाद दिनेश और उसके बेटे चेतन पर एनएसए लगाने के आदेश जारी किये हैं. दिनेश को गिरफ्तार करके रीवा के केन्द्रीय जेल भेजने के आदेश दिये गये हैं, जबकि चेतन को गिरफ्तारी के बाद सतना स्थित जेल में कैद रखने को कहा गया है.
बताया गया कि पुलिस, खाद्य विभाग और अन्य महकमों के संयुक्त दल ने दिनेश की फैक्टरी पर दो अक्टूबर को छापा मारकर बड़ी मात्रा में संदिग्ध घी बरामद किया था. इस घी को अलग-अलग ब्रांड नामों से पैक करके खुदरा बाजार में पहुंचाने की तैयारी की जा रही थी.
छापे में बरामद घी के नमूनों की जांच में यह खाद्य पदार्थ मिलावटी और घटिया गुणवत्ता का पाया गया. इस जांच में यह भी पाया गया कि घी में कुछ प्रतिबंधित अखाद्य पदार्थ मिलाये गये हैं.
दिनेश ने प्रशासन को गुमराह करने के लिये दीपक टांक नामक व्यक्ति को अपनी फैक्टरी का मालिक बना रखा था, जबकि इस संयंत्र का असली मालिक दिनेश ही है.
दिनेश के खिलाफ मिलावटी घी बनाने के 14 मामले पहले से दर्ज हैं. इनमें से कुछ मामलों में उसे अलग-अलग अदालतों ने दोषी करार देकर कारावास और जुर्माने की सजा भी सुनायी है. दिनेश के बेटे चेतन के खिलाफ भी इसी तरह के कुछ मामले अदालतों में विचाराधीन हैं.
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