मध्य प्रदेश के पारंपरिक ‘हिंगोट युद्ध’ में 75 जख्मी

Last Updated 25 Oct 2014 03:30:47 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में सदियों पुरानी परंपरा से जुड़े ‘हिंगोट युद्ध’ के दौरान शुक्रवार रात करीब 75 लोग घायल हो गये.


(फाइल फोटो)

पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि इंदौर से कोई 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा कस्बे में रिवायती जंग के दौरान मामूली रूप से घायल 72 लोगों का मौके पर मौजूद चिकित्सकों के दल ने प्राथमिक उपचार किया और उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी गयी. अन्य तीन घायलों को सिर, आंख और सीने में गंभीर चोटों के चलते इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल भेजा गया.

सब इंस्पेक्टर ने बताया कि रिवायती जंग में घायल लोगों में ज्यादातर ‘योद्धा’ हैं, जो एक-दूसरे पर ‘हिंगोट’ दाग रहे थे.

‘हिंगोट’ दरअसल आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है. फल का गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है. फिर इसमें कुछ इस तरह बारूद भरी जाती है कि आग दिखाते ही यह किसी अग्निबाण की तरह सर्र से निकल पड़ता है.

गौतमपुरा कस्बे में दीपावली के अगले दिन यानी विक्रम संवत की कार्तिक शुक्ल प्रथमा को हिंगोट युद्ध की परंपरा निभायी जाती है. गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ दल की अगुवाई करते हैं. दोनों दलों के योद्धा रिवायती जंग के दौरान एक-दूसरे पर ‘हिंगोट’ दागते हैं. इस जंग में हर साल कई लोग घायल होते हैं.

माना जाता है कि प्रशासन ‘हिंगोट युद्ध’ पर इसलिये पाबंदी नहीं लगा पा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं.    



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment