'मूकमाटी' को हिंदी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय जैन संत आचार्यश्री विद्यासागर के महाकाव्य 'मूकमाटी' को राज्य के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के पाठ्क्रम में शामिल करने की घोषणा की है.
शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) |
चौहान ने रविवार रात अपने निवास पर 'क्षमावाणी पर्व' के आयोजन के अवसर पर राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर विभिन्न धर्म गुरू भी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदिशा में विराजमान आचार्यश्री द्वारा रचित मूकमाटी को हिंदी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने के संबंध में चर्चा चल रही है.
चौहान बालिका बचाओ और गौर संरक्षण अभियान की दिशा में राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि इन दोनों ही लक्ष्यों को लेकर और तेजी से काम किया जाएगा. उन्होंने युवाओं से भी इन दोनों कामों के लिए आगे आने का आह्वान किया.
इसके पहले समारोह में ही विदिशा स्थित शीतलधाम न्यास के अलावा विदिशा और सागर जिले के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मूकमाटी को सिर्फ हिंदी विश्वविद्यालय में ही नहीं बल्कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का अनुरोध किया. इसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से इस संबंध में आश्वासन पहले ही मिल चुके हैं.
समारोह में मौजूद विदेश मंत्री और विदिशा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वालीं सुषमा स्वराज और केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने भी इस अवसर पर अपने संबोधन में 'उत्तम क्षमा' धर्म का अर्थ समझाया. दोनों नेताओं ने कहा कि यह काम सिर्फ वीर लोग ही कर सकते हैं.
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