'सफेद गैंग' से डरने लगे हैं शराबी, देखते ही नशा हो जाता है 'छू मंतर'

Last Updated 12 Sep 2014 11:57:05 AM IST

मध्य प्रदेश के बैतूल के एक गांव में शराब बेचने ओर पीने वाले सफेद गैंग से डरते हैं.


सफेद गैंग (फाइल फोटो)

दरअसल, बैतूल के प्रभातपट्टन बलाक के आदिवासी बहुल गांव माजरी में शराब बेचने ओर पीने वालों को सबक सिखाने के लिए गांव की महिलाओं ने कमर कस ली है. इसके लिए एक समिति बनाई गई है.

महिलाओं की समिति को ग्रामीण सफेद गैंग के नाम से पुकारने लगे हैं. सफेद रंग की साड़ी पहनने वाली ये महिलाएं रोजाना शाम को शराब बेचने वाले और पीने वालों को खोजती है.

कोई शराबी नजर आता है तो सफेद गैंग की महिलाएं शराबियों की पिटाई शुरू कर देती हैं. इससे अब गांव में शराब पीने वालों की संख्या आधी हो गई है.

समिति के संरक्षक गुलाब सिंह वाडिवा सचिव केशु माजरे और बसंती बाई इवने कहती हैं कि अभियान के दौरान कई बार शराब बेचने वालों की धमकियां मिली लेकिन वे इन धमकियों से डरी नहीं. उन्होंने बताया कि पुलिस का सहयोग मिलने से अब गांव में शराब बिकना कम हो गया है और शराब बेचने वाले भी अपने अड्डे छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.

उनका कहना है कि दूसरे गांव में इसी तरह महिलाएं मिलकर अभियान चलाएं तो शराब के कारण आई बुराइयां खत्म हो जाएंगी और घर में सुख शांति बनी रहेगी.

माजरी गांव की आबादी छह सौ है. यहां अधिकांश लोग खेती किसानी करते हैं. गांव के पुरुष सदस्य खेती किसानी के बाद वे शाम को शराब पीकर घर में गाली गलौच करते हैं. इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. पुरुष सदस्यों के शराब के नशे में होने से वे घर में महिलाओं के साथ मारपीट करते थे. इससे परेशान होकर महिला सदस्यों ने यह कदम उठाया.

इस सफेद गैंग को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग का कहना है कि महिलाओं का शराब विरोधी मुहिम अच्छा कदम है.

पुलिस इस अभियान में महिलाओं का पूरा सहयोग करेगी.



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