एसएएफ को आखिर देनी पड़ी आरटीआई के तहत जानकारी
राज्य सूचना आयोग के आदेश पर मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) को अपने दो सेवानिवृत्त सहायक प्लाटून कमांडरों को उनकी सेवा संबंधी अभिलेख निशुल्क उपलब्ध कराने पड़े
(फाइल फोटो) |
एसएएफ ने स्वयं के सूचना का अधिकार कानून के दायरे से बाहर होने के बावजूद अपने दो सेवानिवृत्त सहायक प्लाटून कमांडरों को उनकी सेवा संबंधी अभिलेख निशुल्क उपलब्ध करा दिये हैं.
भिंड के रामप्रताप सिंह राजावत और रामलखन शर्मा द्वारा सूचना का अधिकार के तहत प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर एसएएफ ने उनके सेवा संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि एसएएफ पर सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं हैं.मध्यप्रदेश सरकार अधिसूचना जारी कर एसएएफ को आरटीआई के दायरे से बाहर कर चुकी है.
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने दोनों प्रकरणों में अंतिम अपीलों की सुनवाई कर आदेश पारित किया था कि आरटीआई एक्ट के दायरे से मुक्त होने के बावजूद एसएएफ को सूचना का अधिकार के अंतर्गत भ्रष्टाचार व मानव अधिकार से संबंधित जानकारी देनी होगी.बशत्रे कि सूचना आयोग इसका अनुमोदन करे.
सूचना आयोग की एक विज्ञप्ति के अनुसार एसएएफ ने अधिनियम के तहत उन्हें सूचना के अधिकार से मुक्त किये जाने संबंधी प्रावधानों का उल्लेख करते हुए लोक सूचना अधिकारी व 17वीं वाहिनी, विस, बल भिंड के एड्ज्यूटेंट ने दोनों सेवानिवृत्त सहायक प्लाटून कमांडरों को उनकी सेवा पुस्तिका तथा पदोन्नति, क्रमोन्नति एवं सेवानिवृत्ति आदेशों की प्रतियां देने से इंकार कर दिया था.
लोक सूचना अधिकारी की दलील थी कि सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर एसएएफ को आरटीआई के उपबंधों को लागू करने से वर्जित किया है. इसके पालन में वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराना संभव नहीं है.
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