भविष्य निधि घोटाले में छह कर्मचारियों सहित 15 लोगों को जेल की सजा

Last Updated 01 Aug 2014 05:41:45 PM IST

भोपाल में सीबीआई की स्थानीय अदालत ने भविष्य निधि घोटाला मामले में छह कर्मचारियों सहित 15 लोगों को कारावास की सजा सुनाई.


(फाइल फोटो)

सीबीआई अदालत ने भविष्य निधि कार्यालय में वर्ष 2002 से 2004 तक लाखों रुपए का घोटाले के मामले में इसके छह कर्मचारियों सहित 14 लोगों को पांच-पांच साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक व्यक्ति को एक साल के सश्रम कारावास की सजा दी है.

इसके अलावा, अदालत ने इन सभी आरोपियों पर कुल मिलाकर 25.53 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सीबीआई की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सीबीआई के विशेष न्यायधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को अपने फैसले में भविष्य निधि घोटाले के मास्टरमाइंड और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में तत्कालीन निम्न श्रेणी लिपिक गजेन्द्र सिंह चौहान और 13 अन्य आरोपियों को पांच-पांच साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक व्यक्ति को एक साल की कठोर जेल की सजा दी है.

सीबीआई के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि के उप क्षेत्रीय कार्यालय (भोपाल) में पदस्थ अधिकारी गज़ाला अली खान की लिखित शिकायत के आधार पर सीबीआई ने गजेन्द्र सिंह चौहान और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ 13 जनवरी 2006 में एक प्रकरण दर्ज किया था.

खान ने शिकायत में आरोप लगाया था कि 2000 से 2002 के दौरान चौहान ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कार्यालय में पदस्थ कुछ अज्ञात कर्मचारियों और कुछ बाहरी लोगों के साथ सांठगांठ कर आपराधिक षडयंत्र कर अपने पद का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी, जालसाजी करके कर्मचारी भविष्य निधि के कुछ खातों से पैसा निकाल लिये, जिससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को 22,04,071 रुपए का नुकसान हुआ है.

सीबीआई ने इस मामले की जांच के बाद 20 मार्च 2007 को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में गजेन्द्र सिंह चौहान और 14 अन्य लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 120-बी, 419, 420, 467, 468, 471 और 477-ए और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 13 (2) आर..डब्ल्यू 13 (1) के तहत चार्जशीट दायर की थी. इस पर गुरुवार को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया है.

अदालत द्वारा पांच-पांच साल की सजा से दंडित होने वालों में गजेन्द्र सिंह चौहान, प्रताप सिंह, उषा नायक, आरडी परांजपे, रामचंद्र, एके श्रीवास्तव (सभी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारी), और राजेन्द्र सिंह ठाकुर, बलराम केशव उर्फ केशव सिंह, राजेश भालेकर, रेखा चौहान, राजेश कुमावत, दुष्यंत सोनवाने, घनश्याम दवे एवं मनीष गौर (सभी फर्जी खातेदार) शामिल हैं.

इनके अलावा, रमेश हलदर (फर्जी खातेदार) को एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.

मुख्य आरोपी गजेन्द्र सिंह चौहान पर विभिन्न धाराओं में कुल 4.65 लाख का जुर्माना लगाया गया है.



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