व्यापमं को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा में फिर भारी हंगामा, सदन अनिश्चित काल के लिये स्थिगत

Last Updated 22 Jul 2014 04:14:30 PM IST

मध्यप्रदेश विधान सभा में मंगलवार को व्यापमं घोटाले को लेकर कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में आसंदी के समक्ष भारी हंगामा और नारेबाजी की.


(फाइल फोटो)

विधान सभा में मंगलवार को अध्यक्ष के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा 'व्यापमं का सच' पुस्तक के प्रकाशन को लेकर लाये गये विशेषाधिकार भंग को अग्राह्य कर दिये जाने की व्यवस्था के खिलाफ कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में आसंदी के समक्ष भारी हंगामा और नारेबाजी की.

विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और और बाद में अनुपूरक सूची लाकर बुधवार तक के शेष कार्य और विनियोग विधेयक पारित कराकर सदन की कार्यवाही अनिश्चत काल के लिये स्थगित कर दी.

प्रश्नोत्तर काल के समाप्त होते ही अध्यक्ष ने व्यापमं का सच पुस्तक के प्रकाशन को लेकर कांगेस के रामनिवास रावत द्वारा मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ पेश विशेषाधिकार भंग की सूचना को पढकर सुनाया.

उन्होंने कहा कि सूचना के माध्यम से रावत ने पुस्तक में व्यापमं के मोनोग्राम का इस्तेमाल, विधान सभा के गोपनीय दस्तावेजों के प्रकाशन और इसके लिये मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार भंग का मामला उठाया है.

उन्होंने कहा कि जहां तक व्यापमं के मोनो की बात है तो यह कापीराइट का प्रकरण है, जो विशेषाधिकार भंग की सूचना में नहीं आता जबकि गोपनीय दस्तावेजों के प्रकाशन का मामला है तो इन्हें उच्च न्यायालय में चल रहे विभिन्न प्रकरणों में पेश किया जा चुका है जबकि कुछ दस्तावेज सूचना के अधिकार के तहत निकाले गये हैं.

अध्यक्ष ने रावत की विशेषाधिकार भंग की सूचना को यह कहते हुए अग्राह्य कर दिया कि इसके तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार नहीं बनता है. इस पर रावत सहित कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि उनका पक्ष सुने बिना सूचना को कैसे अग्राह्य किया जा सकता है.

डॉ. शर्मा ने विपक्ष की मांग ठुकराते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया तो उसमें सुनने का प्रावधान नहीं है लेकिन विपक्ष के सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे और वे नारेबाजी करते हुए आसंदी के समक्ष आ गये जिससे सदन में भारी हंगामे की स्थित निर्मित हो गई और सदन की कार्यवाही सुनी नहीं जा सकी.

विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ने कार्यसूची के शेष कार्य निपटाये और सात विधेयकों को भी पारित करा दिया. इस बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने वित्त मंत्री जयंत मलैया द्वारा सदन में आज ही पेश विनियोग विधेयक भी पारित करने का अनुरोध किया.

इस दौरान अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के बीच स्थगित कर दी. लगभग आधा घंटे बाद जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई तब विधान सभा अध्यक्ष ने सदन में अनुपूरक सूची का उल्लेख करते हुए सदन में कल आने वाले वर्ष 2014-15 के बजट और उससे संबंधित विनियोग विधेयक और अन्य शासकीय कार्य को भी बिना चर्चा के ही ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया.

संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बाद में प्रस्ताव पेश किया कि चूंकि सदन में सभी शासकीय कार्य निपट गये हैं इसलिए सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिये स्थगित की जाये. इस पर अध्यक्ष ने प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दी.



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