अकेले भोपाल में हटाए 1.34 लाख बैनर
चुनाव आयोग की सख्ती के कारण मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1.34 लाख बैनर व होर्डिग हटाए गए हैं. इस सिलसिले में प्रशासन ने 102 एफआरआई दर्ज करवाई हैं.
अकेले भोपाल में हटाए 1.34 लाख बैनर (फाइल फोटो) |
भोपाल में सरकारी इमारतों व संपत्ति से 1,05,433 पोस्टर, बैनर व दीवार पर लिखे नारे आदि हटाए गए हैं. इस क्रम में निजी संपत्ति से 29, 389 प्रचार सामग्री हटाई गई हैं. कुछ दशक पहले तक होता यह था कि नेताजी व उनके पिछलग्गू दीवारों को नारों से पाट देते थे और शहर को गंदा कर देते थे.
नेताजी का प्रचार हो जाता था और जिसकी दीवार पर उल्टे सीधे नारे लिखे होते थे, उसे पुताई करवानी पड़ती थी. बेचारा मतदाता दबंग नेताजी के सामने कुछ बोल तक नहीं पाता था.
कई बार तो हाल यह तक हो जाता था कि नेताजी के पिछलग्गु चुनाव जारी रहने तक दीवार पर पुताई तक नहीं करवाने की धमकी दे जाते थे. लेकिन चुनाव प्रचार पर सख्ती के कारण कुछ ‘नेताजी’ परेशान हैं लेकिन आम लोग खुश हैं.
बैनर व पोस्टरों पर अंकुश लगने के कारण चुनावी खर्च पर कुछ हद तक रोक लगी है. इसके चलते चुनाव में काले धन के प्रयोग पर भी अंकुश लगा है. चुनाव आयोग की सख्ती के कारण पूरे देश के मतदाताओं में स्वच्छ मतदान की आस जगी है.
मध्य प्रदेश के जिलों में वाहनों के दुरु पयोग को लेकर अब तक 22 प्रकरण सामने आए हैं तथा 15 में एफआईआ दर्ज हुई हैं. इसी प्रकार मतदाताओं को सामग्री देकर प्रलोभन की 89 शिकायत में से एक पर एफआईआर दर्ज हुई है.
चुनाव आयोग की सख्ती के कारण सभी नेता फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और आम लोग खुश हैं. कुछ मतदाताओं के लिए मतदान अब कहीं अधिक लोकतंत्र के पर्व के रूप में परिवर्तित होने लगा है.
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