लोकसभा चुनाव : मध्यप्रदेश की दस सीटों के लिए मतदान

Last Updated 17 Apr 2014 09:39:38 AM IST

मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत गुरुवार सुबह सात बजे से दस संसदीय क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्वक शुरू हो गया, जो शाम छह बजे तक चलेगा.


मध्यप्रदेश की दस सीटों के लिए वोटिंग (फाइल फोटो)

प्रदेश के कुल 29 संसदीय क्षेत्रों में कुल तीन चरणों में मतदान होना है. तीसरे एवं अंतिम चरण का मतदान 24 अप्रैल को दस संसदीय क्षेत्रों में होगा, जबकि पहला चरण नौ संसदीय क्षेत्रों में गत 10 अप्रैल को सम्पन्न हो चुका है.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी जयदीप गोविंद के अनुसार, दूसरे चरण का मतदान सभी दस संसदीय क्षेत्रों में शांतिपूर्वक और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ और अब तक कहीं से किसी अप्रिय स्थिति की सूचना नहीं है.

जिन दस संसदीय क्षेत्रों में गुरुवार को मतदान हो रहा है, उनमें मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, भोपाल और राजगढ़ हैं.

इनमें भिण्ड और टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है तथा इन दस संसदीय क्षेत्रों में 19 जिले और 80 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

गुरुवार जिन प्रमुख प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद होगा, उनमें केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के नेता जयभान सिंह पवैया (दोनों गुना), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर (ग्वालियर), कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व आईएएस अधिकारी भागीरथ प्रसाद और उनके प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह (दोनों भिण्ड), कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह राजपूत (सागर), भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद पटेल (दमोह), प्रदेश के पूर्व मंत्री नागेन्द्र सिंह (खजुराहो) और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भान्जे अनूप मिश्र (मुरैना) शामिल हैं.

दस संसदीय क्षेत्रों में हो रहे मतदान में एक करोड़ 67 लाख 92 हजार 806 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे. इनमें 89,95,733 पुरूष, 77,96,647 महिलाएं एवं 426 अन्य मतदाता शामिल हैं. इन क्षेत्रों में कुल 18,796 मतदान केन्द्र एवं 313 सहायक मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं. गुरुवार को हो रहे चुनाव में 11 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 142 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है.

चुनावी हिंसा के इतिहास वाले चम्बल अंचल के भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर और बुंदेलखण्ड अचंल के सागर एवं टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र में केन्द्रीय सशस्त्र बल (सीएपीएफ) की कंपनियां तैनात की गई हैं.

इसके अलावा सभी दस संसदीय क्षेत्रों में एसएएफ की 50 कंपनियों के साथ लगभग 2852 पुलिस अधिकारी, 16 हजार 309 प्रधान आरक्षक और आरक्षक, 10,789 नगर सैनिक तथा 18,790 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) सुरक्षा व्यवस्था देख रहे हैं.



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