मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत महंगाई भत्ता

Last Updated 27 Sep 2013 12:17:30 PM IST

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों को 10 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त मंजूर की गई.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)

इसका लाभ अध्यापक संवर्ग, पेंशनरों एवं पंचायत सचिवों को भी मिलेगा.

प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने गुरुवार को भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी संवादाताओं को देते हुए बताया कि महंगाई भत्ते की किश्त एक जुलाई 2013 से मंजूर की गई है, जिसका भुगतान अगस्त 2013 से होगा.

उन्होंने बताया कि इस निर्णय के साथ ही अब कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केन्द्रीय कर्मचारियों के बराबर 90 प्रतिशत हो जायेगा. दस प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने के फलस्वरूप राज्य शासन पर चालू वित्तीय वर्ष में 1006 करोड़ रुपए का व्यय भार आयेगा.

मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने की दृष्टि से 18 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना को मंजूरी दी. इस पर 694 करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रथम चरण में 9 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होंगे.

मंत्रिपरिषद ने भोपाल जिले की हुजूर तहसील के ग्राम बोरदा में ‘नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन’ की स्थापना के लिए वन विभाग की 180 हेक्टेयर भूमि के बदले वनीकरण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया. यह संगठन भारत सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजना से संबंधित है.

शर्मा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के बड़े शहरों में सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया है. जिला मुख्यालयों को शामिल करते हुए 61 शहर में सीसीटीवी आधारित निगरानी के लिए परियोजना लागू की जायेगी.

उन्होंने बताया कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इस कार्य के लिए 429 करोड़ 24 लाख रुपए की मंजूरी दी गई. इस व्यवस्था से अपराधों पर और अधिक प्रभावी अंकुश लग सकेगा और महिलाओं की सुरक्षा, आतंकवादी घटना होने पर त्वरित जवाबी कार्यवाही, यातायात नियंत्रण और बेहतर शांति व्यवस्था स्थापित करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने बताया कि एक प्रदेश स्तरीय इंटीग्रेटेड डाटा सेंटर बनाकर बाकी शहरों में कंट्रोल रूम के माध्यम से योजना संचालित की जायेगी.

मंत्रिपरिषद ने बढ़ते यातायात पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत प्रदेश के पांच बड़े शहर में यातायात प्रबंधन कार्ययोजना को मंजूरी दी. इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन शामिल हैं. परियोजना की लागत 190 करोड़ रुपए है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा के परिपालन में मंत्रिपरिषद ने नरसिंहपुर जिले के बोहानी में 8 करोड़ रुपए लागत से गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना को भी मंजूरी दी.



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