जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और पुलवामा में भयभीत 30 सरपंचों ने सौंपा इस्तीफा
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग,पुलवामा तीन आतंकी हमलों में दो सरंपचों समेत चार लोगों की हत्या के बाद भयभीत 30 पंच-सरपंचों ने इस्तीफा दे दिया.
हत्या के बाद भयभीत पंच-सरपंच |
आतंकियों की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता ने भी अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया. इसके अलावा कई पंचायत प्रतिनिधियों ने पुलिस थानों व सैन्य शिविरों में पनाह ले ली है. कइयों ने लाउड स्पीकरों पर अपने इस्तीफे का एलान किया. इनमें छह महिलाएं भी हैं.
लश्कर-ए-तैयबा ने चिपकाये पोस्ट
मंगलवार को पुलवामा के कई हिस्सों में लश्कर-ए-तैयबा ने पोस्टर लगाकर स्थानीय सियासी कार्यकर्ताओं को अपनी गतिविधियां बंद करने और चुनाव बहिष्कार के लिए धमकाया है. उर्दू में लिखे इन पोस्टरों में लोगों से कहा गया कि वह सियासी गतिविधियों, पुलिस चौकियों व सैन्य शिविरों से पूरी तरह तरह दूर रहते हुए चुनाव बहिष्कार करें.
गुलशनपोरा पंचायत के सरपंच जंग बहादुर सिंह ने अपना इस्तीफा देने के बाद गांव में एक जगह खड़े होकर सियासत में शामिल होने पर माफी भी मांगी. पुलवामा में आतंकी हमले में बचे सरपंच बशीर अहमद मलिक ने बताया कि वह इस समय काकपोरा पुलिस चौकी में हैं. यहां और भी पंचायत प्रतिनिधि हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर पंच-सरपंचों ने अपने इस्तीफे दिए हैं.
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
प्रशासन ने भी पंच-सरपंचों को रात के समय घरों से बाहर निकलने से मना किया है. इस बीच अनंतनाग सीट पर मतदान और आतंकी हमलों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं. इस क्षेत्र में 24 अप्रैल को मतदान होना है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के ट्राल क्षेत्र में आतंकियों ने सरपंच गुलाम नबी मीर के घर में घुसे और अचानक फायरिंग शुरू कर दी. आतंकियों ने सरपंच और उनके बेटे को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे मौके पर ही सरपंच की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे ने अस्पताल में दम तोड़ा. इसके बाद वहां आतंक का सिलसिला जारी है.
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