सीएनटी एवं एसपीटी की मूल भावना में कोई बदलाव नही: रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विकास के लिए राज्य में भू-अधिग्रहण का सरलीकरण किया गया है जिसके चलते सीएनटी कानून एवं एसपीटी कानून की मूल भावना से कोई छेड़-छाड़ नहीं की गयी है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास |
भूमि-अधिग्रहण के लिए सरकार द्वारा चार गुना मुआवजा एवं चार माह में भुगतान का प्रावधान किया गया है. इसमें योजना के पांच वर्षों में लागू नहीं होने पर भूमि वापसी का भी प्रावधान है.
उन्होंने रविवार धुर्वा में एक ग्राम सभा में भाग लेते हुए यह बात कही और कहा कि आदिवासी भूमि से जुड़े इन कानूनों में सुधार को लेकर विपक्षी दल आम लोगों में भ्रम फैला रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि झारखण्ड की सामाजिक प्रथा के अन्तर्गत काम करने वाले मानकी, मुण्डा, ग्राम प्रधान इत्यादि की सम्मान राशि बढ़ाई जाएगी. साथ ही मांझी, परगनेत एवं पड़हा राजा के सम्मान राशि का भी निर्धारण किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि जो ग्राम प्रधान सराहनीय कार्य करेंगे उन्हें स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा. सभी सरना स्थलों की घेराबंदी एवं सौंदर्यीकरण का कार्य एक साल में पूरा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सरकार समाज के सभी वगरें के साथ संवाद कर परस्पर सहयोग के साथ कार्य रही है. राज्य गठन के 15 वर्षों तक एकतरफा संवाद चल रहा था.
जनता सिर्फ श्रोता के रूप में थी. आज जनता सरकार के साथ मिल कर योजनाएं बना रही है. ग्राम सभा की बैठकें हो रही हैं. लोग कुपोषण से मुक्त झारखण्ड, शिक्षित झारखण्ड, स्वस्थ झारखण्ड का निर्माण करना चाहते हैं. विकास करना चाहते हैं.
सम्मेलन में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुण्डा, कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी, राजस्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, हटिया विधायक नवीन जयसवाल, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
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