झारखण्ड पर कलंक लगने नहीं दूंगा: दास

Last Updated 03 May 2016 09:10:26 PM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले 14 सालों में लोगों का सरकार पर विश्वास उठ गया था जिसे उनकी सरकार ने फिर से हासिल किया है और वह जब तक सत्ता में रहेंगे, राज्य पर किसी तरह का कलंक नहीं लगने देंगे.


झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास

      
दास ने रांची में सूचना भवन में आयोजित सीधी बात कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा,  मैंने आम तौर पर आज तक अपना जन्मदिन नहीं मनाया, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और आप सभी के बीच पहली बार जन्मदिन मनाया है.
      
इस अवसर पर दास ने धनबाद के बैंक मोड़ और सरायढेला में स्टील गेट स्थित एलईडी का ऑनलाइन उद्घाटन किया, साथ में एक मोबाइल एप्स भी लांच किया. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत दी कि वे ईश्वर द्वारा प्रदत् अवसर का फायदा उठायें, व्यवस्था को बदलने में अहम भूमिका निभायें, नहीं तो अवकाश प्राप्त करने के बाद, उन्हें भी इसी व्यवस्था से दो-चार होना पड़ेगा.
    
उन्होंने कहा कि आज भी समाज उसी को याद रखता है, जो काम करते है. जनता उन अधिकारियों को कभी नहीं भूलती, जिन्होंने अपने काम से जनता का दिल जीता. उन्होंने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा का नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते है, सड़क को देख लोग राजबाला वर्मा का नाम लेते है. जीवन जीने का लक्ष्य सेवा होनी चाहिए.

दास ने स्पष्ट रुप से कहा की मनुष्य में जन्म लिया तो कुछ करने को सीखे. यह राज्य रांची में ही बैठे चंद लोगों का नहीं, बल्कि सभी का है. प्रभावकारी स्वच्छ एवं पारदर्शी शासन जनता का अधिकार है, जनता का विश्वास हमने प्राप्त किया है, प्रशासनिक अधिकारियों ने संवेदनशीलता दिखाई है, जिससे कुछ बदलाव दीख रहा है.
       
उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) को ऐसा औजार बताया, जिससे जनता और शासन के बीच की दूरियां समाप्त हो जाती है. उन्होंने कहा कि वे आईटी का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें. उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य में मानव बल की कमी है. सभी अधिकारी अगर प्रणकर लें तो इस समस्या का समाधान कोई बड़ी बात नहीं.
       
उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस की सरकार, जनता से किया गया उनका वायदा है और वह जवाबदेह और पारदर्शी शासन का आज भी पक्षधर है. इस बार जो बजट बनाये गये, उनमें उन सारे सुझावों को जगह दिया गया, जो जनता की ओर से प्राप्त हुए थे. उन्होंने कहा, पैसा महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण सम्मान है. राज्य की जनता में प्रतिभायें भरी पड़ी है, उसका उदाहरण हैं, राज्य की जनता द्वारा कृषि सिंगल विंडो की खोज, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की. हमें ऐसी सोच को बनाए रखना होगा, और इसे शेयर भी करना होगा.

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट रुप से कहा कि अपने- अपने विभागों में जो भी व्यक्ति अगर लागत को कम करके योजना को पूर्ण करता है, तो उसे पुरस्कृत करें. उन्होंने मुख्यमंत्री जन-संवाद केन्द्र में कार्यरत सभी कर्मियों को बतौर बोनस 2100 रुपये देने की घोषणा भी की.
     
इससे पहले मुख्यमंत्री ने गिरिडीह के कृष्ण कांत(कृषि सिंगल विंडो) गुमला के प्रो अमिताभ भारती, सिमडेगा के देवराज प्रसाद और गढ़वा के ऋषि कुमार तिवारी को उनके द्वारा दिये गये विशेष सुझावों के लिए प्रत्येक को 21-21 हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र व एक शाल देकर सम्मानित किया.
     



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