बेसहारों और ग़रीबों के लिए जमशेदपुर में रोटी बैंक
बेसहारों और ग़रीबों के लिए झारखंड के जमशेदपुर में रोटी बैंक को खोला गया है.
(फाइल फोटो) |
देश का यह एक अनोखा ऐसा बैंक है, जहाँ रुपये-पैसे नहीं, बल्कि ग़रीब लोगों के लिए रोटियां जमा की जाती हैं. इसके ज़रिए अनाथ और भीख मांगकर पेट भरने वाले लोग खाना खा सकेंगे. यह सराहनीय क़दम झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस ने उठाया है.
इस बैंक मे हर तबके के लोग हर दिन शाम को अपनी तरफ से रोटी बैंक को रोटी और सब्जी डोनेट करते है और बैंक के लोग हर दिन शाम को जमशेदपुर में गरीब लोगों को रात का खाना खिलाते है.
जमशेदपुर के कुछ युवा लोगों ने देखा कि हर रात कुछ गरीब भूखे ही सो जाते है तो इन लोगो ने सोचा की इनको खाना कैसे खिलाया जाय. फिर क्या था इन लोगो ने जमशेदपुर ह्यूमन राइट्स के लोगो से संपर्क कर रोटी बैंक की शुरुआत की.
पहले दिन इस बैंक ने ईस्ट बंगाल कॉलोनी में जाकर रोटी बैंक के लिए रोटी मांगी तो पहले ही दिन इन लोगो को काफी अच्छा रिस्पोंस मिला और फिर कारवाँ बनता गया. आज इनके पास हर तबके के लोग है जो इस रोटी बैंक के सदस्य है. इसमे समाज सेवी, कर्मचारी , हॉउस वाइफ, किन्नर समाज , डॉक्टर, कोल्हान की प्रो वीसी इस बैंक के सदस्य है. जो हर दिन रोटी बैंक के लिए जमशेदपुर में घूम-घूम के रोटी इकट्टा करती है और शाम को गरीबों को खाना खिलाती है.
इस बैंक से जुड़े लोगों का कहना है कि गरीबी क्या होती है, भूख क्या होती है, यह उनसे अच्छा कोई नहीं जानता है और इस रोटी बैंक से अगर कोई भूखा खाना खाकर के रात को भूखा न सोए इससे अच्छी बात कोई नहीं होगी.
रोटी बैंक संजोजक मनोज कुमार ने बताया कि जमशेदपुर मे रोटी बैंक की स्थापना लिए की गई कि कोई भी इन्सान रात को भूखा न सोए. हम लोगों ने रोटी और सब्जी दी ताकि गरीब लोग रात को भूखे पेट न सोए. यह एक अच्छा काम है इसलिए वह इस रोटी बैंक से जुड़ गये है और सप्ताह में एक दिन वह भी रोटी बैंक मे अपनी भागीदारी देगें.
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