सीने से पार हुई तीर फिर भी बची जान
देवघर में एक युवक की छाती में तीर इस कदर लगा कि उसका सीना चीरते हुए पार हो गया लेकिन डॉक्टरों ने उसकी जान बचा ली.
तीर |
एक आदिवासी युवक दानी मुर्मू के सीने में तीर आरपार हो गया था. इसके बाद एक टीम गठित कर डॉक्टरों ने छाती में फंसे तीर को निकालकर युवक की जान बचा ली है. केस को रेफर कर दिया गया था.
जानकारी के अनुसार गरीबी के कारण परिजनों ने रिस्क लिया तो डॉक्टर भी बेखौफ हो ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए. जिस ऑपरेशन के लिए कार्डियक थोरेसिक सर्जन की आवश्यकता थी उसे डॉ. डीपी भदानी एवं उनकी टीम ने पूरा किया और अब आदिवासी युवक दानी मुर्मू अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहा है.
डॉ. भदानी ने कहा कि यह मामला सुपर स्पेशियालिस्ट विभाग का था. कार्डियक थोरेसिक सर्जन का केस था. इसी कारण केस को रेफर कर दिया तो परिजन रोने लगे. कहा कि बचे या मरे जो करना है कर दीजिए.
खाने के पैसे नहीं हैं तो बाहर कहां ले जाएंगे. इसके बाद सुपरीटेंडेंट को सूचना दी गई. वे आए. डॉ. अनिल कुमार एवं एनेस्थेसिया के डॉ. मृत्युंजय के साथ ऑपरेशन प्लान किया गया.
तीर निकालने पर तुरंत मरीज की हालत गंभीर हो गई. मान लिया कि अब नहीं बचेगा. दो-चार मिनट में खत्म हो जाएगा. वैसे प्रयास जारी रखा. कुछ देर बाद स्थिति सुधरी तो अंदर क्षतिग्रस्त अंगों को रिपेयर किया. अब वह ठीक है. दानी मुर्मू को आपसी रंजिश में तीर मारा गया था.
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