झारखंड में विधायकों ने जादू टोना से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का दिया सुझाव
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष जादू टोना, झाड़-फूंक जैसी कुरीति के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किये जाने के कई सुझाव आए है.
विधायकों ने जादू टोना से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का दिया सुझाव (फाइल फोटो) |
मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य से जादू टोना, झाड़ फूंक खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं वहीं विधायकों ने दलगत विचारधारा से ऊपर उठकर इस विचार का समर्थन करते हुए इसे खत्म करने के तरीकों पर सुझाव दिया है जिससे बेकसूर लोगों की जान जाती है. कुरीति के खिलाफ जोर शोर से जागरूकता अभियान शुरू किये जाने के कई सुझाव आए है.
संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा, ‘व्यापक जागरूकता अभियानों के जरिए सक्रिय (जिला स्तरीय) प्रशासन इससे निपट सकता है.’
राय ने कहा, ‘कभी-कभार निजी रंजिश और झगड़ों के कारण अपना निजी हित साधने के लिए डायन करार दिया जाता है. ऐसे मामलों में जिला प्रशासन की तरफ से तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.’
उनके दृष्टिकोण से सहमति जताते हुए पूर्व मंत्री और जेएमएम विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि इस जघन्य सोच के पीछे मुख्य कारण निजी दुश्मनी होती है हालांकि जादू टोना आदिवासी समाज में बहुत ज्यादा व्याप्त है.
सोरेन ने कहा, ‘लोगों को जानना चाहिए डायन का होना एक अंधविश्वास है. किसी को भी ओझाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए, जो अशिक्षित होते हैं.’
ऐसी एक घटना में सात अगस्त को रांची जिले में पांच महिलाओं की जान जाने के बाद मुख्यमंत्री ने विभिन्न मंचों पर मामला उठाते हुए कहा कि जादू टोना खत्म करने के लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत है.
एक और पूर्व मंत्री तथा भाजपा विधायक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर तथा लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के लिए कोशिशों के साथ इस तरह की कुरीतियों के खिलाफ कदम उठाया जा सकता है.
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