रेप पीड़ित परिवार को एक लाख का मुआवजा
मजदूर की नौ साल की बेटी के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
अदलात (फाइल) |
घाटशिला में मजदूर की नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले में परिवार को राज्य सरकार द्वारा अविलंब एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि यह रकम पीड़िता के इलाज के काम आएगी.
गौरतलब है कि उक्त नाबालिग के साथ एक ट्रक ड्राइवर ने दुष्कर्म किया था. उक्त मासूम को गंभीर स्थिति में रिम्स में भर्ती करवाया गया था.
बाद में उसे छुट्टी दे दी गई थी. उसके पिता रोज उसे अपने कंधे पर लादकर रोज चार किलोमीटक दूर अस्पताल में ड्रेसिंग के लिेए ले जाते हैं.
मालूम हो कि रांची से 200 किलोमीटर दूर हटियापाटा गांव निवासी एक मजबूर बाप अपनी रेप पीड़िता बेटी को कंधे पर बिठा कर इलाज के 4 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाता है.
पैसे की कमी के कारण वह एक साइकिल भी नहीं खरीद सकता, जिसपर बैठा कर वह उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जा सके.
इस घटना की मार्मिकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बाप कितना बेबस है.
एक अंग्रेजी दैनिक अखबार में छपी खबर के अनुसार झारखंड के एक छोटे से गांव की निवासी पीड़िता के पिता मजदूर हैं. जिनके लिए दो वक्त का खाना भी जुटाना मुश्किल होता है.
खबर के मुताबिक नौ वर्षीय पीड़िता को करीब दो माह पहले एक ट्रक ड्राइवर ने चॉकलेट खिलाने के बहाने अपना शिकार बनाया था. उस वहशी दरिंदे ने उसके साथ बलात्कार कर नदी के किनारे फेंक दिया. खून से लथपथ मासूम किसी तरह अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया.
पीड़िता की नाजुक हालत को देखते हुए स्थानीय अस्पताल ने इलाज कर जमशेदपुर रेफर कर दिया. वहां डॉक्टरों ने उसके क्षतिग्रस्त आंत को हटाकर कोलोस्टॉमी बैग लगा दिया. लड़की को घाव की ड्रेसिंग करने के लिए नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाना पड़ता है.
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