झारखंड में कुरमी जाति को नहीं मिलेगा एसटी का दर्जा

Last Updated 23 Apr 2015 06:01:23 PM IST

झारखंड में कुरमी (महतो) को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलेगा.


कुरमी जाति को नहीं मिलेगा एसटी का दर्जा (फाइल फोटो)

जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) ने कुरमी को एसटी में शामिल नहीं करने की अनुशंसा की है. राज्य सरकार ने टीआरआइ की अनुशंसा 10 फरवरी 2015 को ही केंद्र सरकार को भेज दी है. टीआरआई ने कुरमी जाति को पिछड़ा वर्ग में बनाये रखने की अनुशंसा की है.
 
23 नवंबर 2004 को हुई कैबिनेट की बैठक में कुरमी को एसटी में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया गया था.     
 
बैठक में इस बात की चर्चा हुई थी कि छोटानागपुर की कुरमी जाति 1913 और 1918 में अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल थी. पर 1950 और 1952 की सूची में कुरमी जाति का नाम छूट गया था. इसके बाद कैबिनेट ने कुरमी/कुड़मी जाति को एसटी में शामिल करने की अनुशंसा केंद्र से करने पर सहमति जतायी थी. साथ ही इस मामले में टीआरआई से शोध कर उसकी राय जानने का फैसला भी किया था.
 
कैबिनेट के फैसले के आलोक में टीआरआई ने 2008 को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. इसमें कहा गया कि झारखंड की कुरमी/कुड़मी (महतो) जाति में एसटी में पायी जाने वाली विशेषताओं का अभाव है.
 
इसके विरोध में कुरमी संगठनों ने विरोध में चार मई को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में सरकार का पुतला दहन करने का कार्यक्रम रखा है. कुरमी विकास मोरचा के शीतल ओहदार ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र को भेजे अपने प्रतिवेदन को अविलंब वापस ले.



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