यात्री का सामान चोरी होने के मामले में रेलवे को मुआवजा देने का निर्देश

Last Updated 22 Jan 2015 06:50:04 PM IST

उपभोक्ता मंच ने रेल के अंदर चोरी के मामले में रेलवे को मुआवजा देने का निर्देश दिया है.


रेलवे को मुआवजा देने का निर्देश (फाइल फोटो)

मंच ने कहा है कि अगर रेलवे ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं है तो यह ‘अपूर्ण’ सेवा है.

दिल्ली आ रही राजधानी एक्सप्रेस में अपने परिवार के साथ जनवरी 2013 में यात्रा के दौरान दिल्ली की वकील लक्ष्मी प्रिया डे की श्रृंगार पेटी छीनने के मामले में मंच ने पीड़ित को 35,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.

सी के चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाला नई दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच की एक पीठ ने कहा, ‘यात्रा के दौरान ट्रेन में यात्रियों को आपराधिक गतिविधियों से सुरक्षा प्रदान किया जाना चाहिए और अगर रेलवे आरक्षित डिब्बे में बाहरी लोगों से यात्रियों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाता है तो यह सेवा में कमी को बताता है.’

मंच ने उत्तरी रेलवे की इस दलील को खारिज कर दिया कि मामला झारखंड रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है क्योंकि घटना के समय ट्रेन झारखंड से गुजर रही थी.

पीठ ने कहा, ‘रेलवे एक है और प्रशासनिक कारणों से इसे विभिन्न जोन में बांटा गया है. उत्तरी रेलवे ने टिकट जारी किया था.’ मंच के अनुसार, ‘मामले में हम रेलवे को सेवा में कमी का दोषी मानते हैं. इसीलिए हम रेलवे को पीड़ित को हुई परेशानी और मानसिक तनाव को देखते हुए उसे 25,000 रपये का जुर्माना देने का निर्देश देते हैं. साथ ही कानूनी खर्च के रूप में रेलवे 10,000 रुपये दे.’

लक्ष्मी प्रिया ने मंच में शिकायत की कि वह 13 जनवरी 2013 को राजधानी एक्सप्रेस से भुवनेश्वर से नई दिल्ली आ रही थी. रास्ते में कुछ अनधिकृत लोग डिब्बे में दाखिल हुए और उनकी श्रृंगार पेटी छीन ले गये.



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