झारखंड विधानसभा चुनाव : भाजपा को मिलेगा सरकार बनाने का जनादेश

Last Updated 23 Dec 2014 10:01:26 AM IST

झारखंड की चौथी विधानसभा के गठन के लिए हुए चुनाव का शुरुआती रुझान में भाजपा आगे चल रही है.


झारखंड में BJP को मिलेगा बहुमत (फाइल फोटो)

भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काम करने वाले नेता की छवि और स्पष्ट बहुमत की सरकार देने की अपील राज्य में काम करती दिख रही है. पिछले 14 सालों में झारखंड अपने साथ अस्तित्व में आये राज्यों छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड से काफी पिछड़ गया है.

झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना जारी है और यह 15 चरण से 31 चरण तक चलेगी. चुनाव परिणामों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में भारी बेचैनी है और सुबह से ही नेता लोग मंदिरों, मस्जिदों और गिरिजाघरों में पहुंच रहे हैं तथा अपनी और पार्टी की जीत की कामना कर रहे हैं. इस क्र म में भाजपा के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माने जाने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह सबसे पहले मंदिर पहुंचे.

राज्य में पांच चरणों में हुए चुनाव में रिकार्ड 66 .47 प्रतिशत मतदान हुआ और इन विधानसभा चुनावों की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि यह पूरी तरह हिंसा रहित और शांतिपूर्ण रहे. इससे पहले कभी भी झारखंड राज्य बनने के बाद इतना अधिक मतदान यहां विधानसभा या लोकसभा चुनावों में रिकॉर्ड नहीं किया गया था.

इस वर्ष अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों के मतदान से भी इन विधानसभा चुनावों में लगभग ढाई प्रतिशत अधिक मतदान हुआ. 2009 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इन विधानसभा चुनावों में लगभग नौ प्रतिशत अधिक मतदान हुआ.

शुरुआती दौर में राज्य की 81 सीटों में से 67 के रुझान आ गये हैं. इनमें भाजपा 32 सीटों पर, झारखंड विकास मोर्चा छह सीटों पर, कांग्रेस चार सीटों पर, राजद तीन सीटों पर,  झारखंड मुक्ति मोर्चा 15 सीटों पर और अन्य सात सीटों पर आगे चल रहा है.

अगर शुरुआती रुझान ही चुनाव परिणाम में तब्दील हुआ तो यह मानना होगा कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठजोड़ को राज्य की जनता इस बार या तो स्पष्ट बहुमत देने जा रही है. 
 
गौरतलब है कि संभवत: यह देश का इकलौता राज्य है, जहां की लगभग 45 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है. अगर भाजपा सत्ता में आती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए राज्य को एक प्रभावी नेतृत्व देना अहम चुनौती होगी.

वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा अगर चुनाव में जीत हासिल करता है तो उसके युवा नेतृत्व हेमंत सोरेन को इन चुनौतियों से पार पाना होगा.



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