कैलाश सत्यार्थी को नोबेल से बच्चों का बढ़ेगा सम्मान: हेमंत सोरेन

Last Updated 11 Oct 2014 02:29:35 PM IST

हेमंत सोरेन ने बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार दिये जाने पर उन्हें बधाई दी है.


हेमंत सोरेन (फाइल)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बच्चों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले भारतीय कैलाश सत्यार्थी को पाकिस्तान की मलाला के साथ इस वर्ष का शांति का नोबेल पुरस्कार दिये जाने पर बधाई दी और कहा कि उन्हें यह पुरस्कार दिये जाने से समूची दुनिया के साथ भारत में भी बच्चों का सम्मान बढ़ेगा.
   
एक बयान में मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी ने झारखंड में अल्पवयस्क लड़के और लड़कियों का शोषण रोकने के लिए बहुत काम किया है, अत:उन्हें यह सम्मान देने से झारखंड के शोषित बच्चों का आत्मसम्मान बढ़ेगा.
   
सोरेन ने कैलाश सत्यार्थी को इस वर्ष का शांति का नोबल पुरस्कार बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए दुनिया भर में जाने-जाने वाली पाकिस्तानी बिटिया मलाला युसूफजई के साथ संयुक्त रूप से दिये जाने पर उन्हें ढेरों बधाइयां दीं.
   
उन्होंने कहा कि कैलाश सत्यार्थी ने झारखंड जैसे गरीब राज्यों के कम उम्र के लड़के और लड़कियों को शोषण से बचाने और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में बड़ी मदद की है.

अब उनकी इस वर्षों की तपस्या को दुनिया भर में पहचान और सम्मान मिलने से न सिर्फ भारत का सम्मान बढ़ा है बल्कि ऐसे शोषित और गरीब बच्चों को अपने अधिकारों के प्रति और जागरूक बनाने में भी मदद मिलेगी.
   
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले सत्यार्थी ने जिस प्रकार बचपन बचाओ आन्दोलन के माध्यम से पूरे देश में लाखों बच्चों का बचपन बचाया और संवारा है, वह बहुत ही प्रशंसनीय है.



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