तारा शाहदेव प्रकरण : रंजीत उर्फ रकीबुल ने स्वीकारा, पैसे लेकर की अधिकारियों की पैरवी
तारा शाहदेव प्रकरण में गिरफ्तार रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने पैसे लेकर अधिकारियों की पैरवी की थी.
रकीबुल ने पैसे लेकर अधिकारियों की पैरवी की (फाइल फोटो) |
सीआईडी के अफसरों ने बुधवार को जेल भेजे जाने से पहले रंजीत उर्फ रकीबुल से पूछताछ की थी.
रंजीत ने बताया कि राज्य के एक आइएएस अफसर बहुचर्चित घोटाले में जेल में बंद थे. उनकी जमानत के लिए उसने कोर्ट में पैरवी की थी.
एक आईएफएस के लिए उसने सरकार में पैरवी की थी. आईएफएस अधिकारी एकीकृत बिहार के समय हुए कीटनाशक घोटाले में फंसे थे. निगरानी विभाग ने सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी. जिसमें उसने आईएफएस को बचाने के लिए पैरवी की थी. पैरवी के लिए दोनों अधिकारियों ने उसे पैसे दिये थे.
रंजीत के मोबाइल कॉल डिटेल रिकार्ड से भी इस बात की पुष्टि हुई है. उसने इस आईएफएस अफसर से तीन जुलाई व 19 जुलाई को बात भी की थी. रंजीत के स्वीकारोक्ति बयान के मुताबिक पूर्व सांसद के कहने पर उसने चतरा के भाजपा नेता को पे-रोल पर जेल से निकलवाने के लिए पैरवी की थी. इसके लिए उसे रुपये मिले थे.
रंजीत ने पूछताछ में बताया कि अदालत या सरकारी विभागों में न्यायिक सेवा के अफसरों के सहयोग से काम करवाता था. पैरवी व दूसरे काम के एवज में मिले पैसे में सभी का हिस्सा होता था. पैसे का बंटवारा वह अफसरों और दूसरे लोगों के बीच भी करता था.
रंजीत ने सीआईडी के अधिकारियों को दिये बयान में कहा है कि उसने दर्जनों मामलों में कोर्ट में पैरवी की. इस काम में उसने अपने जज मित्रों से सहयोग लिया. उसने आठ-दस जजों से अपने संबंध की बात कही. इससे पहले रंजीत ने सिर्फ चार जजों से संबंध की बात स्वीकारी थी.
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