13 लोगों के कटे सिर से फुटबॉल खेलने वाला नक्सली आज मंत्री !

Last Updated 10 Sep 2014 03:55:23 AM IST

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार में कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर नक्सली संगठन चलाने के साथ-साथ हत्या की सुपारी लेने-देने और लेवी वसूलने के आरोप लगे हैं.

योगेंद्र साव, कृषि मंत्री, झारखंड (फाइल)

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है. तारा शाहदेव प्रकरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कोटे से दो मंत्रियों हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान के नाम उछलने से फजीहत झेलने के बाद अब तीसरे मंत्री का नाम उग्रवादी संगठन के मुखिया के तौर पर आने से सोरेन सरकार फंस गई है.

इस बार कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर नक्सली संगठन चलाने के साथ-साथ हत्या की सुपारी लेने व देने और लेवी वसूलने के आरोप लगे हैं. वर्ष 2001 में हजारीबाग जिले के चर्चित बेलतू नरसंहार में भी मंत्री का नाम सामने आया है.

इस जघन्य कांड में हथियारबंद माओवादियों द्वारा 13 ग्रामीणों की हत्या करने के बाद उनके सिर काटकर फुटबॉल खेलने की बातें भी सामने आयी थीं. गौरतलब हो कि झारखंड के गठन के बाद राज्य में सामूहिक हत्या की यह सबसे पहली और दिल दहला देने वाली घटना थी.

कोर्ट में हुआ सावर्जनिक

न्यायालय के रिकॉर्ड में बेलतू नरसंहार में शामिल द्वारिका सिंह और बिगन तुरी के अलावा कई माओवादियों के बयान दर्ज हैं. इनके बयानों में योगेंद्र साव के भी नरसंहार में शामिल होने की बात कही गई है.

कोर्ट के रिकॉर्ड में दर्ज इन बयानों के सावर्जनिक होने के बाद यह खुलासा हुआ है. कोर्ट को दी गई केस डायरी में माओवादी द्वारिका ने बताया था कि माओवाद के खिलाफ केरेडारी में संगठित ग्राम रक्षा दल को सबक सिखाने के लिए 8 अप्रैल, 2001 को खुटरा गंझू के घर पर एरिया कमांडर कैलाश साव ने एक बैठक की थी, जिसमें योगेंद्र साव भी शामिल हुए थे. इस बैठक में ग्राम रक्षा दल को बर्बाद करने की चर्चा की गई थी.

इस प्रकरण में पिछले साल 17 जुलाई को हजारीबाग सेशन कोर्ट ने दो आरोपितों को उम्रकैद तथा दो अन्य को फांसी की सजा सुनाई थी. वर्ष 2003 में तीन आरोपितों को फांसी तथा 23 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

हत्या के लिए सुपारी देने के आरोप

तब नक्सलियों ने सजा सुनाने वाले जज एके चांद को जान से मारने का भी फरमान जारी किया था. बहरहाल जिस प्रकार से योगेंद्र साव पर रंगदारी मांगने, उग्रवादियों से सांठगांठ तथा हत्या के लिए सुपारी देने के आरोप लगे हैं और यदि अदालत में ये सारे आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो मंत्री को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. 

इधर, झारखंड सरकार ने अपने कैबिनेट मंत्री योगेंद्र साव द्वारा एक नक्सली संगठन चलाने को लेकर रिपोर्ट तलब की है. सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने कांग्रेस से इस बाबत मार्गदर्शन मांगा है. राज्य सरकार कह रही है कि इस प्रकरण से सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

सरकार के आदेश पर सीआईडी ने इसकी जांच शुरू कर दी है. ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी समय सरकार योगेंद्र साव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बजाय उनसे इस्तीफा मांग सकती है.

पूरे मामले की जांच के लिए कांग्रेस की तीन सदस्यीय एक टीम भी मंगलवार को हजारीबाग जिले के बड़कागांव पहुंची. टीम ने विभिन्न लोगों से इस घटना के संबंध में पूछताछ की है. 

मेरे खिलाफ साजिश

पूरे प्रकरण ने जहां सरकार व कांग्रेस को फंसा दिया है वहीं आरोपित मंत्री योगेन्द्र साव इसे साजिश बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह न तो किसी उग्रवादी संगठन से जुड़े हैं और न ही ऐसा कोई संगठन चला रहे हैं.

नक्सली संगठन चलाने के कथित आरोपों की सीआईडी जांच हो रही है और वे इसमें पूरा सहयोग करेंगे. वे पॉलीग्राफी व नाकरे टेस्ट के लिए भी तैयार हैं. उन्हें विरोधी, पुलिस व कोयला कंपनियों के अधिकारी मिलकर फंसा रहे हैं.

सहारा न्यूज़ ब्यूरो


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