पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने रकीबुल से एक माह में 26 बार की बात

Last Updated 03 Sep 2014 08:57:46 AM IST

तारा शाहदेव को धर्म परिवर्तन कराने पर अमादा आरोपी रकीबुल ने पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी से एक माह में 26 बार आखिर क्या बातें की?


पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी (फाइल)

नेशनल शूटर तारा शाहदेव को लव जिहाद के जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन कराने पर अमादा आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन खान की वास्तविकता और उसके खिलाफ ठोस सबूत अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं. एसएसपी रांची प्रभात कुमार का कहना है कि अब तक मिले तथ्यों के आधार पर रंजीत उर्फ रकीबुल को आराम से सजा दिलायी जा सकती है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार ब्लेयर अपार्टमेंट से रविवार को बरामद 36 सिमों के कॉल डिटेल्स को खंगालने के क्रम में उसके हाई लेवल संपर्क साबित होते दिख रहे हैं.

इसमें मंत्रियों, नेताओं, आईएएस अधिकारियों,जजों सहित कई हाई लेवल के लोगों के साथ कई बार बातें किए जाने का मामला उजागर हुआ है. हालांकि इस बाबत पुलिस आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से फिलहाल कन्नी काट रही है.



चतरा से सांसद रहे पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी से रकीबुल ने एक माह में ही 26 बार बातें की हैं. मीडिया के हाथ में आए मोबाइल नंबर 8102777771 में चौंकानेवाले वाले सनसनीखेज बातें सामने आयी हैं.

गौरतलब हो कि जब उसे दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था तो उसके पास 6 मोबाइल थे. इसके अलावा 15 मोबाइल और कई मोबाइल सेट के डिब्बे ब्लेयर अपार्टमेंट से बरामद किए गये. इसके सिम और ईएमआई नंबर की जांच और कॉल डिटेल्स देखे जाएंगे तो अनगिनत चेहरों का बेनकाब होना तय है.

इसकी पहली कड़ी में मो. मुश्ताक अहमद, रजिस्ट्रार विजिलेंस, झारखंड हाइकोर्ट, नगर उटारी के डीएसपी सुरजीत कुमार, कैबिनेट मंत्री हाजी हुसैन अंसारी सहित उनके पीए, यूपी बार बाउंसिल के सदस्य इंद्रदेव मिश्रा, देवघर न्यायिक सेवा की अधिकारी वीणा मिश्रा, आईएफएस पारितोष उपाध्याय, इंदर सिंह नामधारी और सरायकेला के सिविल जज सैयद मतलूब हुसैन के साथ कई बार बातें किए जाने का मामला साफ हो गया है.

ये केवल एक सिम का सुराग है और यदि रकीबुल द्वारा प्रयोग किए गए अब तक के सारे सिमों को सिलसिलेवार ढंग से जांचा जाएगा, तो हिंदुस्तान का एक बड़ा मामला उजागर होगा, जिसमें न्यायपालिका खुद कटघरे में खड़ी नजर आएगी. इन सिमों में वे दफ्न राज भी बाहर आने लगे हैं, जिसके तहत महज एक एनजीओ चलाने वाले, एक वेटर का काम करनेवाले रकीबुल उर्फ रंजीत देखते-देखते संबंधों को भुना और लाइजनिंग कर पांच साल में करोड़पति बन गया.

सूत्रों की मानें तो वह अपने घर पर ही जजों के सामने आरोपियों की महफिल सजाकर मामला डील करवाता था. रकम तय किए जाते थे. उसके उपयोग किए गए नंबर 8102777771 में जुलाई और अगस्त में 962 इनकमिंग-आउटगोइंग कॉल रिकॉर्ड किए गये हैं. जिसमें राजभवन के एडीसी शम्स तबरेज से लेकर सचिव और प्रधान सचिव तक से की गई बातें शामिल हैं.

 

आलोक कुमार मिश्र


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