तारा ने सहा 40 दिनों में 40 जन्मों का दुख

Last Updated 02 Sep 2014 05:11:11 AM IST

लाख प्रताड़ना के बावजूद हिम्मत न हारते हुए सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली शूhttp://192.206.4.21/cms/article/add.phpटर तारा शाहदेव आज देश के सामने एक मिसाल बनकर हमारे सामने है.


राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव (फाइल फोटो)

जिसने 40 दिन की अपनी कैद में 40 जन्मों के दुख बर्दाश्त करने के बावजूद हार नहीं मानी.

हिंदुस्तान की इस बेटी के जज्बे और हौसले को सलाम.

तारा आज अपने पति रंजीत उर्फ रकीबुल की कैद से न सिर्फ आजाद है, बल्कि पूरी ताकत के साथ भ्रष्टाचार और गंदगी भरे हर अंग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसे परिणाम तक पहुंचाने का माद्दा रखती है.

पहली बार न्यायपालिका की आस्था पर सवाल खड़ा हुआ है.

इतने हाईप्रोफाइल मामले के खिलाफ खड़ा होना संभवत: हर किसी के बूते की बात नही है.

कहते हैं कि घर के बाद लड़की ससुराल में ही जीने का सपना देखती है, लेकिन तारा की शादीशुदा जिंदगी के दूसरे दिन से जिंदगी को कल्पनालोक में तब्दील कर देने का दावा करनेवाले उसके पति रंजीत ने हैवानियत का नंगा नाच शुरू कर दिया था.



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