माओवादियों ने बदला लेने के लिए की टीपीसी के 14 सदस्यों की हत्या!
झारखंड के पलामू जिले में शुक्रवार देर रात सीपीआई माओवादियों ने दूसरे नक्सली गुट टीपीसी के सदस्यों पर घात लगाकर हमला किया.
माओवादियों ने टीपीसी के 14 सदस्यों हत्या की! (फाइल फोटो) |
इसमें कम से कम 14 नक्सलियों के मारे जाने की आशंका है.
झारखंड के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि शुक्रवार देर रात 11 से 12 बजे के बीच पलामू के पांडू थाने और छतरपुर थाने के बीच स्थित कौड़िया गांव में सीपीआई माओवादियों ने घात लगाकर प्रतिद्वंदी नक्सली गुट तृतीय प्रस्तुति कमिटी के सदस्यों पर हमला कर दिया जिसके बाद दोनों गुटों के बीच हुई गोलीबारी में दर्जन भर से अधिक टीपीसी नक्सलियों के मारे जाने की आशंका है.
उग्रवादियों ने मारे गए टीपीसी के नक्सलियों के सभी हथियार भी लूट लिए.
माओवादियों ने घटनास्थल पर पर्चा भी छोडा है. फिलहाल, टीपीसी के एक दस्ते ने अपने साथियों के शवों को कब्जे में ले लिया है और घटनास्थल और आसपास के इलाकों को घेर रखा है.
घटना विश्रामपुर से पांडु जाने वाली सडक पर हुई. जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए. पुलिस को इस मुठभेड की जानकारी शनिवार सुबह लगी.
टीपीसी का गठन माओवादियों के संगठन से बाहर निकले लोगों ने ही किया था. झारखंड में माओवादियों के बाद टीपीसी और पीएलएफआई का सबसे ज्यादा प्रभाव है.
माना जाता है कि टीपीसी को पूर्व में पुलिस का संरक्षण प्राप्त था और माओवादियों के खिलाफ अभियान में पुलिस बार-बार टीपीसी की मदद लेती रही है.
मार्च 2013 में चतरा जिले में होली के दिन टीपीसी के नक्सलियों ने 22 माओवादियों का अपहरण कर लिया था. इनमें से 10 माओवादियों को इन्होंने मार गिराया था.
इसके बाद से ही माओवादियों द्वारा टीपीसी से बदला लेने की आशंका जताई जा रही थी. माओवादी लगातार टीपीसी नक्सलियों की टोह में लगे हुए थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने चतरा का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया है.
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