बिहार के चारा घोटाला के चार मामलों में जगन्नाथ मिश्रा बरी

Last Updated 21 Jul 2014 03:57:52 PM IST

जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले के चार मामलों में बरी कर दिया गया है. उनके खिलाफ एक ही साक्ष्य और तथ्य के आधार पर पांच मुकदमे चल रहे थे.


जगन्नाथ मिश्रा (फाइल)

झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में इस आधार पर बरी कर दिया कि एक ही साक्ष्य और तथ्य के आधार पर एक व्यक्ति के खिलाफ कई मामले नहीं चलाये जा सकते.
      
न्यायमूर्ति आर आर प्रसाद की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में बरी कर दिया. न्यायालय ने इस मामले में 25 जून को बहस सुनने के बाद कहा था कि फैसला बाद में सुनाया जायेगा.
     
इससे पूर्व मिश्रा को चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध ढंग से 37 करोड़, 70 लाख रुपये निकासी करने के मामले में यहां की सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पिछले वर्ष तीस सितंबर को दोषी करार दिया था. इस मामले में उन्हें तीन अक्तूबर को इस मामले में चार साल की सजा सुनायी गयी थी.

पांच मुकदमों में एक ही साक्ष्य

इस मामले में बिहार के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव को भी अदालत ने पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी.
 
जगन्नाथ मिश्र ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा था कि एक ही साक्ष्य और तथ्य के आधार पर उनके खिलाफ पांच अलग-अलग मुकदमे नहीं चलाये जा सकते.
  
उन्होंने कहा था कि सीबीआई की अदालत ने जिन साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर उन्हें चाईबासा कोषागार से अवैध धन निकासी के मामले में सजा सुनायी थी उन्हीं के आधार पर एक बार फिर उन्हें चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में आरोपी बनाया गया है.
    
मिश्रा के खिलाफ सीबीआई ने आरसी 64ए-96, 47ए-96, 38ए-96 और 68ए-96 में भी मामले दर्ज कर रखे थे और इन मामलों में भी अब गवाहियां पूरी होने के बाद बहस प्रारंभ होने वाली थी.
 

चार मामले खारिज  


न्यायालय ने इन चारों शेष मामलों के संबंध में मिश्रा की अपील स्वीकार करते हुये उनके खिलाफ विशेष सीबीआई अदालतों में चल रहे उपयरुक्त चारों मामलों को खारिज कर दिया.
      
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के प्रमुख आरोपी राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत ने चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के मामले आरसी 20ए-96 में पांच वर्ष के कठोर कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी जबकि बिहार के ही दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जगन्नाथ मिश्र को अदालत ने चार वर्ष कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी.

अदालत ने अन्य सभी शेष 35 अभियुक्तों को भी तीन अक्तूबर को चार से पांच वर्ष कठोर कारावास और डेढ़ करोड़ रुपये से दो लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनायी थी.
    
अदालत ने लालू प्रसाद यादव और बिहार के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत दोषी ठहराया था.



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