चारा घोटाला : लालू यादव ने देवघर मामले में बयान दर्ज कराया
चारा घोटाले के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव झारखंड में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए.
Lalu Prasad Yadav (file photo) |
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई की विशेष अदालत में देवघर कोषागार से 96 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 313 सीआरपीसी के तहत अपना बयान दर्ज कराया और अपने को निदरेष बताते हुए चुटीले अंदाज में कहा कि ‘लिखतम के बाद वक्तम क्या,’ साथ ही लालू दो अन्य मामलों में सीबीआई अदालतों में पेश हुए.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आज देवघर कोषागार से अवैध ढंग से 96 लाख रुपये निकालने से जुड़े चारा घोटाले के मामले 64 ए-96 में विशेष सीबीआई न्यायाधीश एके राय की अदालत में अपराध प्रक्रि या संहिता की धारा 313 के तहत अपना बयान दर्ज कराया.
लालू ने लगभग तीन घंटे के अपने बयान में अपने को पूरी तरह निदरेष बताया और दोहराया कि यहां तो केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने शिकायतकर्ता को ही दोषी बना दिया.
लालू प्रसाद यादव ने अदालत से कहा कि चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 313 का बयान दर्ज कराये जाते समय ही उन्होंने अपनी बातें रख दी थीं. इस मामले में एक अन्य विशेष सीबीआई अदालत ने लालू को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराने के बाद तीन अक्तूबर को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी थी.
लालू ने अपने को पूरी तरह निदरेष बताते हुए कहा कि एक ही तरह के मामले में उन्हें उलझाने के लिए जानबूझकर सीबीआई ने उनके खिलाफ अनेक मामले दर्ज किये हैं.
इससे पूर्व लालू की चाईबासा कोषागार जैसा एक ही तरह का मामला होने के कारण इसे खत्म करने के लिए दायर याचिका को एक जुलाई को खारिज करते हुए राय की सीबीआई अदालत ने उन्हें 14 जुलाई को अपना 313 का बयान दर्ज कराने के निर्देश दिये थे.
सीआरपीसी 313 के बयान में अदालत मामले में अंतिम बहस से पहले आरोपी को अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका देती है.
इस मामले में उनके अलावा कुल 34 अन्य आरोपी थे लेकिन अब मुकदमा सिर्फ 25 के खिलाफ ही चल रहा है क्योंकि पिछले 17 वर्षों में इस मामले के नौ आरोपियों की मृत्यु हो गयी, तीन सरकारी गवाह बन गये और एक ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया.
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