झारखंड में आखिर कहां-कहां बने एम्स? सियासी जंग तेज
झारखंड में एम्स की स्थापना को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है. मुख्यमंत्री दुमका में एम्स बनना चाहते हैं वहीं दूसरे मंत्री बोकरो में एम्स बनाने के पक्ष में हैं.
झारखंड में एम्स |
एम्स की स्थापना को लेकर झारखंड सरकार ने कवायद तेज कर दी है. एम्स के लिए संतालपरगना के देवघर और दुमका जिले में जमीन देखी गयी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी चाहते हैं कि एम्स की स्थापना राज्य की उपराजधानी दुमका में की जाए.
वहीं राज्य के वित्त और स्वास्थय मंत्री राजेंद्र सिंह की चाहत है कि एम्स बोकारो में बनना चाहिए. तो विधायक समरेश सिंह चाहते हैं कि यह बोकारो जिले के चंदनकियारी में बने.
वहीं एम्स को राजधानी में बनाने की बात की जा रही है. ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की रांची शाखा से जुडे डॉक्टरों का कहना है कि एम्स की स्थापना रांची में होनी चाहिए क्योंकि यहां एम्स निर्माण से जुडी संरचनाएं मौजूद है.
दूसरी ओर झारखंड कांग्रेस के महासचिव अजय दुबे का कहना है कि, एम्स धनबाद में ही बनना चाहिए, क्योंकि धनबाद में और भी मेडिकल कॉलेज हैं और साथ ही धनबाद शहर के बीच में भी पड़ता है.
हालांकि दुमका में एम्स की स्थापना को लेकर मुख्यमंत्री का तर्क है कि संताल परगना का इलाका स्वास्थ्य के मामले में काफी पिछडा हुआ है. जबकि धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरों में सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल हैं. यही तर्क पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी दे रहे हैं.
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