दुमका में सशक्त शिबू सोरेन को कड़ी चुनौती दे रहे हैं बाबूलाल मरांडी
शिबू सोरेन के लिए बाबूलाल मरांडी चुनौती बन गये हैं. मरांडी लोकसभा चुनाव में आठवीं बार जीत दर्ज करने में रुकावट बन गए हैं.
शिबू सोरेन (फाइल) |
दुमका (अनु. जनजाति) लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के बाबूलाल मरांडी झारखंड मुक्ति मोर्चा के दिग्गज शिबू सोरेन को लोकसभा चुनाव में आठवीं बार जीत दर्ज कराने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि भाजपा के सुनील सोरेन भी तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
शिबू सोरेन को दुमका आम अवाम में व्यापक समर्थन है जबकि झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने मरांडी भी उन्हें लोकसभा जाने से रोकने के लिए पूरा जोर लगाए हैं. उन्होंने इस सिलसिले में कोई कोर-कसर नहीं छोडी है.
कोडरमा से मौजूदा 56 वर्षीय सांसद मरांडी ने झामुमो नेता पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि झामुमो ने झूठे वादों से लोगों को ठगा है. अपने मुख्यमंत्री काल के तीन साल में मैंने जो कुछ किया, केंद्र और राज्य में सत्ता में भागीदारी निभाते हुए झामुमो वह 30 साल में भी नहीं कर सका.
उधर, झामुमो नेता को विश्वास है कि तीन बार झारखंड में सत्ता की बागडोर संभाल चुके शिबू सोरेन बहुत आसानी से अपनी जीत दर्ज करा लेंगे.
कांग्रेस नीत यूपीए के घटक दल के तौर पर चुनाव लड़ रहे झामुमो को शिबू सोरेन के बेटे एवं राज्य मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर भी भरोसा है कि वे वोट बटोरने में उनकी मदद करेंगे.
हेमन्त सोरेन ने वस्तुत: राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में अपना शिविर स्थापित कर लिया है और वह अपने पिता एवं एक अन्य पार्टी उम्मीदवार, विजय हंसदा के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं. हंसदा राज महल से चुनाव लड रहे हैं. भाजपा भ्रष्टाचार एवं महंगाई का मुद्दा उठा कर कांग्रेस-झामुमो गठबंधन को घेर रही है. उसे मोदी फैक्टर से लाभ मिलने की आशा है.
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