छत्तीसगढ़ में एसडीआरएफ ने खरीदा 26 करोड़ का फायरफाइटर्स उपकरण

Last Updated 15 Apr 2017 04:35:35 PM IST

छत्तीसगढ़ के राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (एसडीआरएफ) ने इस बजट सत्र में 26 करोड़ रुपये की लागत से फायरफाइटर्स उपकरण की खरीदी की है.


एसडीआरएफ के डीजीपी गिराधारी नायक

यह जानकारी नगर सेना एवं एसडीआरएफ के डीजीपी गिराधारी नायक ने दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश के रायपुर और बिलासपुर स्थित फायर स्टेशन को 1 मई को विभाग के भीतर लिया जाएगा.

उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 26 करोड़ रुपये की लागत से एसडीआरएफ विभाग के लिए फायफाइटर्स उपकरणों की खरीदी 31 मार्च को की गई है, जिसका प्रशिक्षण नगर सेना के जवानों को देने के बाद 1 मई से रायपुर और बिलासपुर के फायर स्टेशन को टेकओवर कर नगर सेना एवं राज्य आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों द्वारा संचालित करने की बात कही.

नायक ने बताया कि पिछले वर्ष ही एसडीआरएफ की स्वीकृति सरकार ने दी थी. एसडीआरएफ में भर्ती के लिए 1239 पद स्वीकृत किए गए हैं. इसमें से सात फायर स्टेशनों को संचालित किया जाएगा. साथ ही 252 जवान एसडीआरएफ के होंगे. जो फायफाइटर्स का काम करेंगे. एसडीआरएफ के लिए सर्विस रुल्स एवं रैग्युलेशन तैयार किए जा रहे हैं. इस वर्ष के अंत तक एसडीआरएफ की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

गली मोहल्लों में जहां फायर फाइटर्स नहीं पहुंच सकते इसके लिए विभाग ने दो फायर बुलट की खरीदी की है, ये फायर बुलट पानी के स्रोत में बगैर रुके आग बुझा सकते हैं. इसे सभी सुविधाओं से लैस बनाया गया है.

नायक ने खरीदे गए उपकरणों के बारे में बताया कि शॉ कटर, हाइड्रोलिक कटर का उपयोग रास्ता बनाने के लिए किया जाएगा. वहीं पावर कटर, हाइड्रोलिग कटर का उपयोग लोहा काटने के लिए किया जाएगा, कांक्रीट कटर का भी उपयोग किया जाएगा. एसडीआरएफ ने सभी फायरस्टेशनों के लिए वेन्टिलेटर ब्लोअर भी खरीदा है, जो बंद कमरे में भरे धुएं को बाहर निकालने में मदद करेगा, फिर फायर मैन हादसे में शिकार लोगों की मदद करेंगे.



डीजीपी ने बताया कि एसडीआरएफ आपदा प्रबंधन के लिए भी काम करेगा. एसडीआरएफ की टीम के पास प्रत्येक स्टेशन में एक अंडर वाटर कम्यूनिकेशन कैमरा और सेट खरीदा गया है, जो पानी के भीतर डूबे हुए व्यक्ति को ढूंढने में मदद करेगा साथ ही बाहर से अंडर वाटर सेट के द्वारा पानी के भीतर से ही बाहर के व्यक्तियों से संपर्क किया जा सकेगा. ये सेट छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.

उल्लेखनीय है कि केन्द्र के एनडीआरएफ की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में राज्य के लिए राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की स्वीकृति दी थी, जिसे अब चलन में लाया जा रहा है. इसे चार चरणों में विभाजित किया गया है, ए, बी, सी और डी. ए चरण में प्रदेश के साात जिलों को लिया गया है, जिसके पहले चरण में रायपुर और बिलासपुर में इसे शुरू किया जाएगा. अभी नगर सेना के जवान ही आपदा प्रबंधन का काम देखेंगे.

राज्य आपदा प्रबंधन बल के जवानों को प्रशिक्षित करने प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित परसदा में प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है, जहां एसडीआरएफ के जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

राज्य आपदा प्रबंधन बल द्वारा प्रदेश के फायर स्टेशन्स को टेकओवर करने के बाद प्रदेश के ऐसे फायर मैन जो पिछले कई सालों से अपनी सेवाएं फायरमैन के तौर पर दे रहे हैं, वे बेराजगार हो जाएंगे. सरकार ने उन्हें प्राथमिकता देने का कोई प्रावधान नहीं किया है. डीजीपी गिरधारी नायक का कहना है, अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन उन्हें मौके कैसे मिलेंगे ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

प्रदेश में एसडीआरएफ के टेकओवर के बाद फायर स्टेशनों में मौजूद वाहन भी एसडीआरएफ के हो जाएंगे. इसके लिए विभाग ने कोई व्यवस्था नहीं की है, क्योंकि फायर स्टेशनों पर मौजूद वाहन कंडम होने के कागार में हैं. इस बारे में पूछे गए एक प्रश्र के जवाब में एसडीआरएफ चीफ गिरधानी नायक ने कहा कि वाहनों की स्थिति देखने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर नए वाहन खरीदे जाएंगे.

आईएएनएस


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