छत्तीसगढ़: आवारा कुत्ते पी रहे अमृत दूध, बच्चों के मुंह से छिन रहा निवाला

Last Updated 12 Apr 2017 02:16:37 PM IST

छत्तीसगढ़ सरकार की अमृत दूध योजना जिसका उद्देश्य बच्चों को सुपोषित और स्वस्थ रखना है. लेकिन सरकार की इस योजना को उनके ही अधिकारी चूना लगा रहे हैं.


(फाइल फोटो)

सरकार की अमृत दूध योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को अमृत दूध पिलाया जाता है जिससे बच्चे कुपोषित न होकर सुपोषित हो और स्वस्थ रहें, लेकिन सोनाखान परियोजना के अधिकारी बच्चों को अमृत दूध न देकर उसे नदी नालों में फेंक देते हैं जिसे आवारा कुत्ते पीते हैं.

सरकार लाख दावे करे पर हकीकत यह है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में देवभोग कंपनी का अमृत दूध वितरण करने के लिए भेजा गया था. दो माह तक दूध को कार्यालय में रखने के बाद उसे 9 अप्रैल को चपरासी के द्वारा नदी में फिकवा दिया गया.

जब इस बात का खुलासा हुआ तो आनन-फानन में अधिकारी उस स्थान पर गए और सभी दूध को उठाकर परियोजना कार्यालय सोनाखान लाया गया.

जिला अधिकारी आई टोप्पो से घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई की बात कही.

आपको बता दें कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3 से 6 साल तक के बच्चों को सप्ताह में एक दिन सोमवार को 100एमएल  दूध दिया जाता है ताकि बच्चे कुपोषित न हों. 

समयलाइव डेस्क


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment